उन्होंने कहा, बीजेपी की मोदी सरकार वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में “बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार” जैसे लोक लुभावन नारों के साथ केंद्र की सत्ता पर काबिज है। पिछले सात साल से केंद्र में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को जनता की आवाज सुनाई नहीं दे रही है। उन्होंने महंगाई के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, बहुत हुई महंगाई की मार अब बस करो मोदी सरकार, कोरोना से बचेगी तो महंगाई से मरेगी जनता।
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, इन सात सालों में महंगाई के सात साल मैं मोदी सरकार से पूछना चाहता हूं। कोरोना के बाद महंगाई भी राष्ट्रीय आपदा साबित होने जा रही है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल के दाम रोज बढ़ रहे हैं। खाने के तेलों के दाम दोगुने हो गए है। रसोई पर बोझ अभी और बढ़ेगी।जब जनता की जेबों में पैसा डालना चाहिए तब केंद्र सरकार नागरिकों के जेबों में डाका डाल रहे है। पिछले डेढ़ साल से देश की जनता कोरोना महामारी की मार झेल रही है। मोदी सरकार की अदूरदर्शी और जनविरोधी नीतियों ने कोरोना काल में लोगों के जीवन को और कठीन बनाया है, चाहे वह अचानक किया लॉकडाउन हो या अस्पतालों से लेकर ऑक्सीजन का इंतजाम या वैक्सीन को लेकर नीति हो। इस मुद्दे पर मोदी सरकार विफल दिखाई देती है।
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गलत नीतियों और व्यवस्था बनाने में विफलता की वजह से लाखों लोगों की जानें चली गई है। लाखों परिवारों में कमाई करने वाला मुखिया ही चल बसा है। उद्योग और कारोबार ठप होने से रोजगार का संकट पैदा हो गया है। ऐसे समय में नरेंद्र मोदी की सरकार देश में महंगाई बढ़ाने में लगी हुई है। पेट्रोल-डीजल, मिट्टी तेल हो या रसोई गैस या खाद्य तेल हो या साधारण बिमारियों में काम आने वाली दवाइयां महंगी होती जा रही है।