मंत्री ने पूछा किसे बचाने की है कोशिश
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक क्या इस बात से डरते हैं? झीरम घाटी कांड की कोई ऐसी सच्चाई निकलकर सामने आएगी जिससे तत्कालीन भाजपा सरकार का कुत्सित चेहरे से नकाब उठ जाएगा ? क्या धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि जांच में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की लापरवाही सामने आ जाएगी। क्या धरमलाल कौशिक भूल गए हैं कि भाजपा के शासनकाल में 2013 से लेकर 2018 तक झीरम जस्टिस प्रशान्त मिश्रा जांच आयोग की जांच पूरी नहीं हुई थी। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आयोग की समय वृद्धि की गई। उन्होंने यह भी कहा कि याचिका के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष कौशिक किसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
नक्सली घटना के पीछे बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ तो भाजपा नेता और उनकी पूरी पार्टी पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। अगर यही घटना भाजपा के नेताओं के काफिले के साथ हुई होती और तीन बड़े नेताओं की मृत्यु हुई होती तो क्या आप इसकी न्यायिक जांच को रोकने का प्रयास करते? प्रदेश की जनता भली भांति जान समझ गई है। आखिर क्यों आप लोग झीरम कांड की जांच नहीं करने देना चाहते हैं। आखिर आपको क्या डर है? आप किस बात को छुपाना चाहते हैं? जनता सब देख रही है।
वही धरमलाल ने डॉ शिव डहरिया के आरोपों को अत्यन्त ही उटपटांग बताया है। पूर्व सरकार द्वारा जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायिक जांच बनाया गया था। और उसका परीक्षण जनता के सामने ही किया गया था। तो फिर वे किस आधार पर आधा अधूरा है जांच का बयान दे रहे है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग के प्रतिवेदन से कांग्रेस इतनी घबराई हुई क्यों है?