किसानों से खरीदे गए अतिरिक्त धान को ई-नीलामी से बेचेगी कांग्रेस सरकार
- छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला
- नागरिक आपूर्ति निगम में उपलब्ध चावल की विक्रय दर मंगाने के लिए खाद्य विभाग को किया गया अधिकृत

रायपुर. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से खरीदे गए अतिरिक्त धान को ई-नीलामी के माध्यम से बेचने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को विधानसभा के मुख्य समिति कक्ष में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई।
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छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार ने भारतीय खाद्य निगम में 24 लाख मीट्रिक टन चावल लिए जाने की अनुमति दी है। छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए 24 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता की पूर्ति के बाद 20.50 लाख मीट्रिक टन धान सरप्लस (अतिशेष) है।
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अतिशेष धान का निराकरण समिति स्तर से नीलामी के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया। नीलामी में प्राप्त अधिकतम दर का अनुमोदन धान खरीदी और कस्टम मिलिंग के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा किया जाएगा। नागरिक आपूर्ति निगम में उपलब्ध चावल की विक्रय दर मंगाने के लिए खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया है।
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खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि खरीदे गए 92 लाख मीट्रिक टन धान में से लगभग 71 लाख मीट्रिक टन धान का निपटान किया जाएगा। अतिशेष धान को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार फिर से मोदी सरकार से केंद्रीय पूल में राज्य से अधिक चावल लेने की अपील करेगी।
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