Ajay Maken Latets News: कांग्रेस नेता अजय माकन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, मोदी सरकार ने जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की डिस्काउंट सेल लगाई है। मोदी सरकार गुपचुप निर्णय और अचानक घोषणा सरकार की नीयत पर संदेह बढ़ा है।
राष्ट्रीय संपत्ति बेचने के विरोध में अजय माकन का केंद्र पर हमला, कहा – मोदी सरकार ने जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की लगाई डिस्काउंट सेल
रायपुर. Ajay Maken Latets News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए एआईसीसी महासचिव एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजय माकन ने कहा है कि अब तक की सभी सरकारों ने देश के निर्माण के लिए काम किया है, सिवाय मौजूदा एनडीए सरकार को छोड़कर क्योंकि वे लोग ‘सब कुछ बेचने पर तुले हुए हैं।’
मोदी सरकार की ओर से राष्ट्रीय संपत्ति बेचने के विरोध में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता अजय माकन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ रायपुर में पत्रकारों के चर्चा की। मीडिया से चर्चा करते हुए अजय माकन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, मोदी सरकार ने जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की डिस्काउंट सेल लगाई है। मोदी सरकार गुपचुप निर्णय और अचानक घोषणा सरकार की नीयत पर संदेह बढ़ा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, मोदी सरकार ने विकास के नाम पर दो बच्चों जन्म दिया, एक का नाम डीमोनेटाजेशन (Demonetization) और दूसरे मोनेटाजेशन (Monetization)। दोनों का व्यवहार एक जैसा है। डीमोनेटाजेशन से देश के गरीबों, कारोबारियों लूटा गया। उन्होंने कहा, मोनेटाजेशन से देश की विरासत को लूटा जा रहा है और दोनों ही चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए काम हैं।
कांग्रेस के महासचिव अजय माकन ने केंद्र सरकार की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता की कमाई से पिछले 60 साल में बनाए गए सार्वजनिक उपक्रमों को किराए के भाव पर बेचने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि सबसे चौकाने वाली संदेह डालने वाली बात यह कि यह सभी कुछ गुपचुप तरीके से तय किया गया। इसके बाद निर्णय घोषणा भी अचानक से की गई जिससे केंद्र सरकार की नीयत पर शक गहराता है।
अजय माकन ने कहा, एनडीए की तुलना अगर यूपीए से ढांचागत आधार के सृजन को लेकर की जाए तो यूपीए के मुकाबले एनडीए का रिकॉर्ड काफी खराब है। पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जो भी भाषण दिए उनका मुख्य केंद्र ढांचागत आधार ही रहा है, लेकिन सरकार की इस बिंदु पर अगर UPA तुलना की जाए तो NDA का रिकॉर्ड खराब है।
रोजगार की सुरक्षा पर अजय माकन ने कहा – सरकारी संस्थानों को प्राइवेट हाथों में देने से पहले यूनियनों से बात कर उन्हें विश्वास में लेना सबसे जरूरी है। कहीं भी अपने दो भागों वाले दस्तावेज में सरकार ने यह बताया है कि मौजूद कर्मचारियों के हितों की रक्षा करी जाएगी। भविष्य में भी सार्वजनिक उपक्रम दलित, आदिवासी पिछड़े वर्गों को नौकरी देकर सहारा देने वाले होते हैं। यह सहारा भी छीन लिया जा रहा है।