उन्होंने कहा, इस साल 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है। 24 लाख मीट्रिक टन उसना चावल केंद्रीय पुल में खरीदी जाती थी। जिसका धान के रूप में 38 लाख मीट्रिक टन होता है। इसके अलावा पीडीएस के रूप में 25 लाख मीट्रिक टन चावल केंद्र की मदद से राज्य सरकार वितरण करती है।
उन्होंने बताया, केंद्र का कहना है कि जितना चावल आपको पीडीएस में लगता है, उतना ही धान खरीदिये, उसका खर्च केंद्र उठाएगी। उन्होंने कहा, पीडीएस में 25 लाख मीट्रिक टन चावल सरकार वितरण करती है, जो 39 लाख मीट्रिक धान होता है। लेकिन अतिरिक्त उपार्जन का उसना चावल 24 लाख मीट्रिक टन जो केंद्र सरकार पिछले साल तक खरीद करती थी, उससे अब मना कर रही है। आंदोलन इसी बात को लेकर है।
प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन ने बताया कि धान खरीदी को लेकर केंद्र के खिलाफ जो आंदोलन चल रहा है, उसको प्रदेशभर के विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
1 दिसंबर से धान और मक्का की खरीदी
बतादें कि नई नीति के मुताबिक छत्तीसगढ़ में धान और मक्का की खरीदी एक दिसंबर से शुरू हो जाएगी। धान खरीदी 15 फरवरी तक और मक्का की खरीदी 31 मई तक चलेगी।