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विधानसभा चुनाव के बाद नगर निगम चुनाव में इतिहास दोहराने को कांग्रेस तैयार

locationरायपुरPublished: Jan 09, 2020 06:15:15 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस एक बार फिर नगर निगम चुनाव में इतिहास दोहराने की तैयारी कर ली है।

रायपुर. विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस (Congress) एक बार फिर नगर निगम चुनाव में इतिहास दोहराने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस की मजबूत रणनीति के चलते शहरी क्षेत्र की पार्टी माने जाने वाली भाजपा 10 नगर निगमों में सफाए के कगार पर पहुंच गई है। वर्तमान में 10 में से नौ निगम में कांग्रेस का कब्जा हो गया है। अब 10 जनवरी को कोरबा निगम में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव होना है।
ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम स्वयं मोर्चा संभालने गुरुवार को कोरबा पहुंच रहे हैं। जबकि भाजपा के पास अपने पार्षदों पर विश्वास करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। फिलहाल कोरबा में कांग्रेस ने निर्दलीय और माकपा के समर्थन से भाजपा के लिए दुविधा खड़ी कर दी है। वहीं कांग्रेस-भाजपा के पिकनिक गए कोरबा पार्षदों के आज रायपुर पहुंचने की संभावना है।
नगरीय निकाय चुनाव के बाद कोरबा निगम ही ऐसी थी, जहां कांग्रेस की तुलना में भाजपा के पार्षदों की संख्या अधिक थी। इस वजह से प्रदेशभर के सभी लोगों की निगाह कोरबा नगर निगम पर टिकी हुई है। कोरबा का चुनाव कांग्रेस-भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बना हुआ है। कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न इसलिए है क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 10 में से 10 नगर निगमों में कांग्रेस का कब्जा होने की बात कहीं थी। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष खुद मोर्चा संभालने गुरुवार रवाना होंगे और वे पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल होंगे।

कांग्रेस में सहमति पर अटकी बात
कोरबा में कांग्रेस की तरफ से चार दावेदारों के नाम सामने आए हैं। इसमें सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल, राजकिशोर प्रसाद, धरम निर्मले और श्याम सुंदर सोनी को नाम प्रमुख है। बताया जाता है कि इनमें से एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को पार्षदों के नाम पर एक बार फिर सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद भी एक राय नहीं होने पर प्रदेश कांग्रेस से नाम तय होगा।

भाजपा में क्रॉस वोटिंग का डर
भाजपा की तरफ से अब तक दो नाम सामने आए है। इनमें रितु चौरसिया और नरेन्द्र देवांगन का नाम सामने आया। यहां भाजपा को खरीद-फरोख्त और क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। भाजपा के पर्यवेक्षक स”िादानंद उपासने का कहना है कि कांग्रेस जनादेश का खुला अपमान करने का प्रयास कर रही है। हमारे सभी पार्षद पार्टी के प्रति कटिबद्ध है। हम निर्दलीयों से भी सपंर्क कर रहे हैं। उम्मीद है कि महापौर भाजपा का होगा।

एेसे हुआ भाजपा का किला ध्वस्त

नगरीय निकाय के चुनावी नतीजों के बाद दुर्ग, चिरमिरी, अंबिकापुर और जगदलपुर में कांग्रेस का महापौर बनना था। जबकि भाजपा राजनांदगांव, बिलासपुर, धमतरी और कोरबा में बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर ली थी, लेकिन महापौर का चुनाव करीब आते तक कांग्रेस के रणनीतिकारों ने भाजपा की सारी रणनीति फेल कर भाजपा का किला ध्वस्त कर दिया। बिलासपुर और चिरमिरी में तो भाजपा अपना कोई उम्मीदवार ही नहीं उतर सकी। जबकि राजनांदगांव में भाजपा को क्रॉस वोटिंग की मार झेलनी पड़ी। कांग्रेस निर्दलीय पार्षदों की मदद से रायपुर, धमतरी और रायगढ़ में कब्जा जमाने में कामयाब रही।
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