भाजपा सरकार ने अपने शासनकाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कई योजनाएं शुरू की थीं। यही नहीं सरकारी प्रपत्रों और विज्ञापनों पर दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर लगे लोगो का प्रकाशन अनिवार्य किया गया था। सरकार बदलने के साथ ही सबसे पहले सरकारी प्रपत्रों और विज्ञापनों से दीनदयाल की तस्वीर वाला लोगो गायब हुआ और अब सरकार ने दीनदयाल के नाम से शुरू होने वाली शासकीय योजनाओं का नाम बदलना शुरू कर दिया है। नगरीय प्रशासन विभाग के अवर सचिव एचआर दुबे ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि कांग्रेस ने एक ही परिवार को देश में थोपने का काम किया है। अब फिर से वहीं कृत्य कर रही है। देश के अन्य महापुरुषों को महापुरुष नहीं समझना और उनके नामों को विलुप्त कर देना कांग्रेस की ओछी मानसिकता को बताता है।
नाम बदलने के साथ विवाद भी खड़ा हो गया है। आप नेता उचित शर्मा ने कहा कांग्रेस योजनाओं का नाम बदलकर राजीव-इंदिरा के नाम पर रखने की पुरानी गलती न दोहराए। उनके सांसदों की संख्या 44 रह जाने के पीछे यह भी एक कारण रहा है। शर्मा ने छत्तीसगढ़ माटी के महापुरुषों गुरु घासीदास, गुंडाधुर, वीर नारायण सिंह, गैंद सिंह, ठाकुर प्यारेलाल आदि के नाम पर योजनाओं के नामकरण की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर विधानसभा में मंगलवार को अपना विरोध दजऱ् कराएगी। यदि बिना बेहतर प्रावधानों के केवल नाम बदला है तो यह बदलापुर की नई कड़ी है। पंडितजी की पुण्यतिथि के दिन जान बूझकर नाम बदला गया है, जो उनकी मानसिक स्थिति को बतलाता है।