राष्ट्रीय बाघ दिवस के एक दिन पूर्व केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 तक राज्यवार बाघों की जनगणना का विवरण जारी किया है। इसमें बताया गया कि छत्तीसगढ़ में 49 से घटकर मात्र 19 बाघ ही रह गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार के संरक्षण में बाघों का अवैध शिकार की खुली छूट थी।
अप्रैल 2018 में उदंती सीतानदी रिज़र्व में एक बाघ की खाल बरामद की गई और तब वह महकमे ने कहा दिया कि उसका शिकार ओडिशा में हुआ। लेकिन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने जांच में पाया कि बाघ छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानंदी रिजर्व का ही था और उसका शिकार इसी इलाके में हुआ था। इस मामले में एनटीसीए ने फटकार भी लगाई थी।