खतरा इसलिए बड़ा हो जाता है क्योंकि वे दिल्ली से रायपुर फ्लाइट से आए। यहां २४ घंटे रहे। सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहे। होटल में ठहरे। फिर रायपुर से रूटीन फ्लाइट से दिल्ली रवाना हुए। हालांकि अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि वे संक्रमित कहां हुए? कब हुए? और उन्हें रायपुर में अचानक टेस्ट करवाने की जरुरत क्यों पड़ी? क्या उन्हें कोई लक्षण दिखाई दिए थे। कोरोना अधिनियम कहता है कि सैंपल देने के बाद रिपोर्ट आने तक खुद को क्वारंटाइन करना चाहिए, ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके। उधर, अब कांटेक्ट ट्रेसिंग में अफसरों के हाथ-पांव फूल रहे हैं।
राजीव भवन में शुक्रवार शाम प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई। जिसमें पीएल पुनिया के ठीक बाजू में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, उनके ठीक बाजू में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठे थे। बैठक में मंत्री रवींद्र चौबे, मो. अकबर, ताम्रध्वज साहू, टीएस सिंहदेव, डॉ. शिव डहरिया और अमरजीत भगत। वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, फूलोदेवी नेताम मौजूद रहीं।
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला से जब पीएल पुनिया की कोरोना जांच से संबंधित जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। राजीव भवन में कोई स्वस्थ दल सैंपलिंग के लिए नहीं पहुंचा।