शहीद स्मारक भवन में आयोजित रामलीला के मंच से प्रदेश के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि बापू ने मरते वक्त हे राम कहा था, तो भाजपा वाले पूछ रहे थे कि राम कांग्रेस के कब से हो गए। उन्होंने कहा, मैंने जवाब दिया कि हम उस राम की बात करते हैं, जिसे हम परमात्मा राम बोलते हैं। हम उस राम के बारे में बात करते हैं, जिन्होंने शबरी के जूठे बेर खाए थे। निषाद राज केवट को गले लगाया था और अहिल्या का उद्धार किया था।
चौबे ने कहा, हम उस राम के बारे में कुछ नहीं कहना चाहते, जो केवल वोट और सत्ता के खातिर राम की बात करते हैं। जो रामशिला पूजन के बहाने नोट के लिए राम की बात करते हैं। दंगा कराने का चोट देने के लिए राम की बात काम करते। जिनका काम केवल चंदा का राम या धंधा का राम है, उस राम से अलग हम मर्यादा पुरुषोत्तम राम की बात करते हैं।
यह परिवर्तन देश को समझ में आ रहा है। हमें राम और गांधी विरासत में मिले हैं। उनका कहना था, हिंसा की राजनीति करने वालों को इस बात की तकलीफ हो रही है कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के बारे में हमारे मुख्यमंत्री क्यो सोच रहे हैं। कौशल्या के राम नाम से इस रामलीला का आयोजन हमर राम सांस्कृतिक समिति ने किया है।
इधर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस को आजादी के बाद से आज तक जितने अवसर मिले, रामजन्मभूमि की ओर देखा तक नहीं। निर्माण में बाधा पहुंचाया। रामसेतु तोडऩे का निर्णय लेने वाले, राम का अपमान करने वाले ये ऐसे लोग हैं जो धर्म से विपरीत आचरण करते हैं।
भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने कहा, सत्ता का उन्माद कांग्रेस के सर चढ़कर बोल रहा है। अहंकार का चरम यह है कि अब वे अखिल ब्रम्हांड नायक श्रीराम को भी विभाजित करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के राम कोई अलग नही हो सकते, वे भारत के राम है, विश्व के राम हैं।
उन्होंने कहा कि यह वही कांग्रेस है जिसने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर श्रीराम के अस्तित्व से ही इनकार कर दिया था। ये वही कांग्रेस है जिसकी सरकार ने सनातन आस्था के केंद्रबिन्दु रामसेतु को तोडऩे का निर्णय लिया था।