भाजपा सरकार में कल्लूरी सीएम भूपेश बघेल के सीधे निशाने पर रहे हैं। यहां तक की मंत्रिमंडल और सत्ता पक्ष के विधायकों में भी कल्लूरी के एसीबी में प्रवेश के निर्णय को लेकर नाराजगी है। कल्लूरी के अलावा इंदिरा कल्याण एलेसेला जैसे अधिकारी भी नान घोटाले की जांच दल में शामिल हैं, जिन पर भी मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं।
सड़क पर कुचलने की धमकी
एसआइटी में शामिल इंदिरा कल्याण एलेसेला मौजूदा समय में एसपी नारायणपुर हैं । वो एसआइटी में शामिल एसपी रैंक के एकमात्र अधिकारी हैं। 2017 के मार्च माह में जिस वक्त छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार हनन के लिए चर्चाओं का माहौल गरम था, ठीक उसी वक्त जांच कमेटी के सदस्य इंदिरा कल्याण एलेसेला ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सड़क पर कुचल देने की बात कही थी।
दरअसल एलेसेला ने बस्तर के जगदलपुर में एक कार्यक्रम में नक्सल उन्मूलन पर चर्चा के दौरान यह विवादित बात कही थी। उस वक्त वो सुकमा के एसपी थे। इंदिरा कल्याण एलेसेला नक्सल उन्मूलन को लेकर चर्चा कर ही रहे थे कि अचानक कह गए कि मानवाधिकार कार्यकर्ता जैसे लोगों को सड़क पर कुचल देना चाहिए। उनके इस बयान की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी।
3 जनवरी को आना था मुकेश गुप्ता को मगर नहीं आए
नान पर मचे बवाल के बीच घोटाले की जांच कर रहे पूर्व एसीबी चीफ मुकेश गुप्ता के द्वारा छुट्टियां ख़त्म होने के बावजूद गैरहाजिर होने की खबर मिली है। बताया जाता है कि मुकेश गुप्ता ने 3 जनवरी तक का अवकाश लिया था लेकिन उन्होंने अब तक अपनी आमद दर्ज नहीं कराई है। पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों का कहना है कि अभी तक उनके द्वारा अवकाश की अवधि बढाए जाने की कोई सूचना नहीं मिली है।
सूत्रों की माने तो राज्य सरकार ने एसआइटी को आदेशित किया है कि इस गंभीर मामले में उन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाए, जिन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की है। गौरतलब है कि सत्ता परिवर्तन के बाद पुलिस अधिकारियों के तबादले में मुकेश गुप्ता को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया था।
कल्लूरी की पसंद से हुआ अधिकारियों का चयन
नान घोटाले की एसआइटी की खासियत यह है कि इनमे सभी सदस्यों की नियुक्ति आइजी कल्लूरी की पसंद-नापसंद को देखते हुए की गई है। सरकार ने उनसे बस अगले तीन महीने के भीतर जांच को पूरा करने को कहा है। प्रदेश के डीजी डीएम अवस्थी खुद मानते हैं कि एसआइटी के सदस्यों के चयन में आइजी कल्लूरी को पूरी तरह स्वतंत्र छोड़ा गया है।
लेकिन फिर भी इस एसआइटी में विधि विशेषज्ञ के तौर पर सेवानिवृत्त उप संचालक एनएन चतुर्वेदी की नियुक्ति सबको चौंकाती है। गौरतलब है कि झीरम की जांच कमेटी में भी एनएन चतुर्वेदी को रखा गया है। सूत्र बताते हैं कि इस 12 सदस्यीय टीम में ज्यादातर पुलिस अधिकारी वो हैं, जिन्होंने किसी न किसी समय में कल्लूरी के साथ काम किया है।
छत्तीसगढ़ डीजी डीएम अवस्थी ने कहा, हमारे पास एंटी करप्शन ब्यूरो में केवल एसआरपी कल्लूरी ही आइजी रैंक के अधिकारी हैं, इसलिए उन्हें एसआइटी की कमान दी गई, एसआईटी में अधिकारियों का चयन उन्होंने अपने स्वविवेक से किया है उसमे किसी का हस्तक्षेप नहीं है।
एंटी करप्शन ब्यूरो आइजी एसआरपी कल्लूरी ने कहा, मैं कोर्ट में हूं और कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं।