प्रदेश में गंभीर मरीजों की संख्या बहुत कम
प्रदेश में कोरोना वायरस से बीमार पडऩे पर गंभीर स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बहुत कम है। जिन नौ लोगों की मौत हुई, उनमें से आठ पूर्व में गंभीर बीमारी से ही ग्रसित थे। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश के लोगों की इम्यूनिटी ही जल्दी स्वस्थ होने की सबसे बड़ी वजह है।
केंद्र की गाइड-लाइन से बढ़ा रिकवरी रेट
आईसीएमआर ने मरीजों को छुट्टी देने की गाइडलाइन में संशोधन देश में बढ़ती मरीजों की संख्या, उपलब्ध सुविधाओं और मरीजों के ठीक होने की गति को देखते हुए किया है। आंकड़े बताते हैं कि देश-प्रदेश में कोरोना के 80 प्रतिशत मरीजों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। पहले पॉजिटिव आने पर उन्हें 14 दिनों तक अस्पतालों में भर्ती करना पड़ रहा था। मगर, अब 10 दिन में बेड खाली हो जा रहे हैं। कम गंभीर मरीजों को लगातार 3 दिनों तक सांस लेने में तकलीफ नहीं है या ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं तो उन्हें भी बिना टेस्ट के 10वें दिन छुट्टी दे दी जा रही है।
रिकवरी रेट में पहले से सुधार
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग