रायपुर

कोरोना का असर: पार्सल ट्रेनें में गुजरात से पहुंचा खोवा, अब त्योहारों पर घर में बनेंगे पकवान

रक्षाबंधन पर्व पर जो भाई बहनों के ठहाकों से घर का कोना कोना गुंजित हुआ करता था, लेकिन, न तो बसें चल रही हैं न ही ट्रेनें।

रायपुरAug 01, 2020 / 09:55 am

Bhawna Chaudhary

कोरोना का असर: पार्सल ट्रेनें में गुजरात से पहुंचा खोवा, अब त्योहारों पर घर में बनेंगे पकवान

रायपुर. रक्षाबंधन पर्व पर जो भाई बहनों के ठहाकों से घर का कोना कोना गुंजित हुआ करता था, लेकिन, न तो बसें चल रही हैं न ही ट्रेनें। सख्त लॉकडाउन भी 6 अगस्त तक है, क्योंकि कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ा है। 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व है और 1 से 3 अगस्त तक छुट्टी होने से डाकिया भी घर नहीं आएगा। ऐसे में जो बहनें शहर के आसपास हैं, वह भाइयों का तिलक कर रक्षासूत्र बांध सकेंगी, लेकिन तोहफा जिन्होंने पहले से ऑनलाइन बुकिंग से मंगा चुके है, वे ही भेंट कर पाएंगे। वरना, नकली करेंसी से ही बहनों को संतोष करना पड़ेगा।

रेलवे की कोविड-19 पार्सल ट्रेन से गुजरात, सूरत, अहमदाबाद से खोवा की खेप आ चुकी है, जिसे कारोबारी टाटा-एस और कार से जिलों में भेज रहे हैं। छोटे कारोबारी ऐसे वाहनों से राजधानी आकर ले भी जा रहे हैं। क्योंकि रक्षाबंधन पर्व पर सबसे अधिक मांग मिठाइयों की ही रहती है। लॉकडाउन के कारण तोहफा और साड़ी की दुकानें बंद हैं। जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार और शनिवार को | सुबह 10 बजे तक ढील के कारण गोलबाजार, चिकनी मंदिर के र पास और मालवीय रोड पर राखी की दुकानों में काफी भीड़ रही। मिठाई की दुकानें बंद ही पहा हैं। यहां कि शहर के अनेक जगहों पर जहां सप्ताहभर पहले से शिष्ट और राखियों की दुकाने थी सड़क तक सज जाती थी, वैसा कहीं नहीं है। ऐसे में लोग किराना दुकानों से भी राखियां खरीदते रहे।

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