शुक्रवार को 12 जिलों में संक्रमित मरीज मिले, इनमें कांकेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय का डाटा एंट्री ऑपरेटर भी शामिल है, जिसकी रिपोर्ट ने कांकेर में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि यहां डाटा एंट्री ऑपरेटर सीएमएचओ के तो संपर्क में था ही कई बैठकों में भी मौजूद था। इतना ही नहीं 21 मई को इसकी ड्यूटी जिला अस्पताल कांकेर से जिला कोरोना कंट्रोल रूम में लगा दी गई थी। जहां यह कई स्टाफ के संपर्क में आया। अब सभी दहशत में हैं।
पत्रिका सूत्रों के मुताबिक डाटा एंट्री ऑपरेटर को 13 मई को गले में खरास की शिकायत हुई। जिसके बाद उसने सैंपल दिए। मगर हैरान करने वाली बात यह है कि रिपोर्ट पूरे दस दिनों बाद 22 मई को आई। इस दौरान वह अपनी पत्नी को लेकर धमतरी गया, जहां एक डॉक्टर की क्लीनिक में जांच करवाई। इस दौरान बताया जा रहा है कि वह अपने कई रिश्तेदारों के यहां भी गया। राज्य कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की टीम अब उसकी कांटेक्ट रेसिंग में जुट गई है। सूची 100 पार कर चुकी है।
उधर, कांकेर कोरोना कंट्रोल रूम सील कर दिया गया है। प्राइमरी कांटेक्ट वालों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर के संक्रमण का सोर्स धमतरी का क्लीनिक हो सकता है। इस बीच राज्य के लिहाज से अच्छी खबर यह रही कि बिलासपुर कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती जांजगीर चांपा के 3 मरीज ठीक हो गए।