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CG Corona Update: दोनों डोज के बाद बढ़ रहा संक्रमण, हो रहीं मौतें, डॉक्टरों ने कहा- हाई रिस्क ग्रुप को लगे बूस्टर डोज

locationरायपुरPublished: Nov 25, 2021 12:59:05 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

CG Corona Update: पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि बीते महीनेभर में जिन 15 लोगों की जान गई, इनमें से 10 को वैक्सीन (Corona Vaccine) लग चुकी थी। इन सबसे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं एंटीबॉडी (Andibody) का लेवल कम होने की वजह से वायरस ने रि-अटैक किया।

Corona vaccine given more than 6 crore 10 lakh doses

Corona vaccine given more than 6 crore 10 lakh doses

रायपुर. CG Corona Update: छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (CG Health Minister TS Singhdeo) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख सिंह मंडाविया (Union Minister Mansukh Mandaviya) को चिट्टी लिखकर कोरोना के बूस्टर डोज की मांग की है। सिंहदेव की इस चिट्टी के बाद अब इस बात की चर्चा जोरों पर होनी शुरू हो गई है कि क्या वास्तव में दोनों डोज लेने के बाद एंटीबॉडी का लेवल कम हो रहा है। ‘पत्रिका’ की पड़ताल में सामने आया कि बीते महीनेभर में जिन 15 लोगों की जान गई, इनमें से 10 को वैक्सीन लग चुकी थी। इन सबसे स्पष्ट है कि कहीं न कहीं एंटीबॉडी का लेवल कम होने की वजह से वायरस ने रि-अटैक किया।
वहीं आंबेडकर अस्पताल में बीते एक महीने में आईसीयू में 5 मरीज भर्ती हुए। इनमें से 1 को दोनों और शेष 4 को पहला डोज लग चुका था। वहीं एम्स रायपुर में भर्ती कई मरीजों को पहला डोज लगा गया है। बावजूद इसके वैक्सीन लगने के बाद भी कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हुए हैं। देश में इस प्रकार कोई शोध नहीं हुआ है जो यह बता सके कि वैक्सीन का असर कितने दिनों तक रहता है।
हां, विदेशों में हुए शोध में इस बात की बात जरूर सामने आई है कि एंटीबॉडी का लेवल कम हो रहा है। इसी वजह से अमरीका, जापान, फ्रांस समेत कई देशों में बूस्टर डोज लगने शुरू हो गए हैं। इन्हीं रिपोर्ट्स का हवाला देकर सिंहदेव ने मंडाविया को चिट्टी लिखी है। स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता एवं महामारी नियंत्रण कार्यक्रम के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा का कहना है कि राज्य में एंटीबॉडी लेवल को जानने से जुड़ा हुआ कोई सर्वे नहीं करवाया गया है।
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किन्हें है बूस्टर डोज की जरूरत
16 जनवरी 2021 से देश में टीकाकरण शुरू हुआ। सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर को टीके लगे। 88 प्रतिशत को दोनों डोज लग चुके हैं। इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर और फिर 16 मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के नागरिकों को टीके लगे। 60 प्लस के टीकाकरण का दौर जारी है, मगर हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन को टीके लगे 7-8 महीने का वक्त गुजर चुका है। प्रदेश के डॉक्टर-विशेषज्ञ भी हेल्थ केयर वर्कर को बूस्टर डोज लगाए जाने की बात कह रहे हैं।

आईएमए ने कहा-पहले जांच करवाई जाए
छत्तीसगढ़ आईएमए के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा का कहना है कि जब तक आपको यह पता न चल जाए कि एंटीबॉडी का स्तर क्या है तो कैसे कहा जा सकता है कि एंटीबॉडी कम बन रही हैं। यह जांच के बाद ही सामने आएगा। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अभी बूस्टर डोज की आवश्यकता है।

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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एम्स रायपुर के शिशुरोग विशेषज्ञ एवं कोविड19 इंचार्ज डॉ. अतुल जिंदल ने कहा, वैज्ञानिक शोध तो कहता है कि तीसरा डोज लगना चाहिए। मगर, यह हाई रिस्क ग्रुप हैं, जिनमें हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर, लंग्स डिस्ऑर्डर, बीपी, शुगर वाले मरीज आते हैं, उन्हें लगना चाहिए। यूएसए की एजेंसी भी बूस्टर डोज की अनुशंसा करती है।

डॉ. आंबेडकर अस्पताल के क्रिटिकल केयर विभाग के विभागाध्यक्ष एवं नोडल अधिकारी कोविड19 डॉ. ओपी सुंदरानी ने कहा, बूस्टर डोज की आवश्यता तो पड़नी है। क्योंकि अभी कई देशों में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि टीकाकरण के कुछ समय के बाद एंटीबॉडी का लेवल कम होता है। निश्चित तौर पर स्वास्थ्य मंत्री द्वारा बूस्टर डोज की मांग, भविष्य को देखते सही है। जरुरत तो पड़नी ही है।

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