राहत भी चिंता भी: प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर 1.1 प्रतिशत, ये आंकड़े मृत्युदर से भी कम हुए
यह कड़वा सच: 10 महीने बाद कोरोना पर नियंत्रण जैसा हालात ही हैं, नियंत्रण नहीं है, सावधानी बरतेंं, अभी भी छत्तीसगढ़ 5वां राज्य जहां सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे रोजाना

रायपुर. रोजाना औसतन 3 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों का मिलना और औसतन 36 मौतों का गवाह रहे छत्तीसगढ़ में अब कोरोना नियंत्रण में आता दिख रहा है। सितंबर 2020 में पीक पर रहा कोरोना अब ढलान पर है। केंद्र सरकार की साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में संक्रमण दर अब सिर्फ 1.1 प्रतिशत रह गई है। यानी 100 संदिग्धों की जांच में सिर्फ 1 व्यक्ति संक्रमित (पॉजिटिव) पाया जा रहा है। मगर, मृत्युदर अब भी 1.22 प्रतिशत पर बनी हुई है। यानी मृत्युदर, संक्रमण दर से अधिक हो गई। यही अब भी चिंता का बड़ा कारण बना हुआ है।
भले ही छत्तीसगढ़ में 200-250 मरीज मिल रहे हों, मगर अभी भी प्रदेश के उन शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है, जहां रोजाना सर्वाधिक संक्रमितों की पहचान हो रही है। इसकी वजह यह है कि अन्य राज्यों में संक्रमण 1 प्रतिशत से भी नीचे जा पहुंची है। अब एक्टिव मरीज 3 हजार के करीब रह गए हैं, जो जल्द ही मरीजों की डिस्चार्ज होते ही 3 हजार के नीचे पहुंच जाएंगे।
मौतों भी 5-7 हो ही रही हैं
रविवार 14 फरवरी को एक भी मौत रिपोर्ट नहीं हुई, मगर अगले दिन आंकड़े फिर 5 मौतों पर जा पहुंचा। महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडू के बाद छत्तीसगढ़ में ज्यादा मौतें हो रही है। मौतों को रोकना ही असल चुनौती है। अब तक प्रदेश में 3,777 लोग इस बीमारी से जान गवां चुके हैं, जिनमें 62 पड़ोसी राज्यों के रहने वाले थे।
एक वह भी दौर देखा...
कोरोना पर जीत की तरफ बढ़ रहे छत्तीसगढ़ ने इस त्रासदी में हेल्थ केयर वर्कर जिनमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंट लाइन वॉरियर्स में शामिल निगम, राजस्व, पुलिस और विभागों के कर्मचारी-अधिकारियों को खोया। आज भी ये सभी कोरोना नियंत्रण के लिए दिन-रात से जुटे हुए हैं। यह सबकी मेहनत का परिणाम है कि बेपटरी हो चुकी जिंदगी अब पटरी पर लौट चुकी है। ट्रेन, प्लेन, मल्टीप्लेक्स, मॉल, यहां तक की अब स्कूल भी खुल गए हैं। एक वह भी दौर था जब सबकुछ बंद था। जिंदगियां घरों में कैद हो गई थीं। मगर, हालात संभलने में अभी और वक्त लगेगा। क्योंकि हम अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं। बाजार खुलने का मतलब यह नहीं है कि मॉस्क नहीं लगाना है, सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करना है, हाथ साबुन से नहीं धोना है। हमें सावधानी बरतनी ही होगी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि जैसे-जैसे मरीज कम मिलेंगे, संक्रमण दर में गिरावट आना तय है। पर अभी भी हमारे सामने चुनौती इस दर को 1 प्रतिशत से नीचे ले जाना है। मगर, पहले से बेहतर स्थिति है।
अपील
सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ हो तो कोरोना जांच करवाएं। यह सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क हो रही है। सैंपल देने के लिए लाइन भी नहीं लगानी पड़ रही, रिपोर्ट जल्दी आ रही है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आरटीपीसीआर, एंटीजन जांच सुविधा है।
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