हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी जल्द से जल्द शुरू कराने प्रयास में जुटे हुए हैं। एम्स प्रबंधन ने प्रदेश के निजी व सरकारी सभी मेडिकल कॉलेजों से उपलब्ध उपकरण, डॉक्टर, स्टॉफ व अन्य जानकारी मंगाई थी। चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग और रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रायपुर को छोड़ दिया जाए तो सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों ने सूचना उपलब्ध कराई थी। रायपुर मेडिकल कॉलेज को छोड़ दिया जाए तो लैब के लिए आवश्यक उपकरणों, सुरक्षा मानकों और संसाधनों को परखने के लिए एम्स में बनाई गई कोर कमेटी के मानक पर कोई भी मेडिकल कॉलेज खरा नहीं उतरा।
स्वास्थ्य विभाग अब शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज भिलाई, छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बिलासपुर, स्व. श्री लक्खी राम अग्रवाल मेमोरियल गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज रायगढ़, भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज राजनंदगांव और गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में व्याप्त कमियों को दूर करने में जुट गया है। एम्स को मंजूरी देने के लिए अधिकृत किए जाने से पहले जगदलपुर मेडिकल कॉलेज को कोरोना जांच के लिए मंजूरी मिल गई थी।
रायगढ़ को जल्द मिल सकती है मंजूरी
स्व. श्री लक्खी राम अग्रवाल मेमोरियल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज रायगढ को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यहां पर लैब के लिए सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है, सिर्फ कुछ उपकरण की खरीदी की जानी है। यहां के स्टॉफ की एम्स में ट्रेनिंग भी पूरी हो गई है। वर्तमान में बिलासपुर के कर्मचारी की ट्रेंनिंग चल रही है। गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में भी तैयारी की जा रही है।
प्रदेश के 8 मेडिकल कॉलेजों में लैब शुरू कराने कहा गया था लेकिन एक मेडिकल कॉलेज बंद हो गया है और दूसरा बंद होने की कगार पर है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुछ कमियां हैं, जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
-नीरेश शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासनिक), एम्स, रायपुर
केंद्र से कोविड-19 की जांच के लिए मेडिकल कॉलेजों के लैब को अपडेट करने जरूरी मशीनों की आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित कीमत उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। ताकि राज्य सरकार जल्द जरूरी मशीनों की खरीदी कर लैब का उन्नयन कर सके।
-टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़