रायपुर

नॉन कोविड अस्पतालों में मिल रहे कोरोना मरीज, जा रही जान… क्योंकि देर से हो रही पहचान

स्वास्थ्य सचिव का आईएमए को पत्र-

रायपुरAug 07, 2020 / 10:57 pm

CG Desk

corona

रायपुर. सरकार ने निजी क्लीनिकों, नर्सिंग होम और अस्पतालों अस्पताल में इलाज करवाने वाले कोरोना संदिग्ध सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ को पत्र लिखकर कहा है कि वे सभी अस्पताल संचालकों को इससे अवगत कराएं। तत्काल जांच शुरू करवाएं, ताकि कोरोना मरीजों की पहचान हो सके। उनका इलाज शुरू हो सके।
उधर, अस्पताल में इलाज करा रहे किसी मरीज के कोरोना वायरस की पुष्टि होती है तो भारत सरकार, आईसीएमआर एवं राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरुप अस्पताल को डिसइंफेक्टेड कर 24 घंटे के बाद पुन: शुरू किया जा सकता है। गौरतलब है कि ‘पत्रिका’ ने प्रमुखता से यह मुद्दा उठाया था कि नॉन कोविड अस्पतालों में संक्रमण बढ़ रहा है। ५ अगस्त को ‘नॉन कोविड अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, गंभीर स्थिति में किए जा रहे हैं रेफर, गवां रहे जान।’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया था कि इलाज न मिलने और इलाज में देरी की वजह से जानें जा रही हैं। स्वास्थ्य सचिव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि समय पर जांच, पहचान और उपचार नहीं होने पर मृत्यु होने की संभावना भी अधिक होती है। प्रदेश में अभी तक कोविड-19 से संक्रमित कुल 69 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें से 51 व्यक्ति किसी अन्य बीमारी से ग्रसित रहे हैं।
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