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कोरोना पॉजिटिव ने 3 बच्चों को दिया जन्म, संक्रमण का असर नहीं

locationरायपुरPublished: Oct 29, 2020 01:17:43 am

Submitted by:

VIKAS MISHRA

दुर्ग की एक अन्य महिला ने दो बच्चों को दिया जन्मएम्स में कोविड-19 पीडि़ता के 3 बच्चों के प्रसव का पहला मामला

कोरोना पॉजिटिव ने 3 बच्चों को दिया जन्म, संक्रमण का असर नहीं

एम्स के एनआईसीयू में नवजात बच्चों का चल रहा इलाज।

रायपुर. राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नियोनेटोलॉजी विभाग के चिकित्सकों की निगरानी में धमतरी और दुर्ग की कोरोना पॉजीटिव दो महिलाओं ने तीन और दो बच्चों को जन्म दिया है। पांचों बच्चे एनआईसीयू में विशेषज्ञों की निगरानी में रखे गए थे, जिनमें से 2 को मां के पास भेज दिया गया है। कोरोना पीडि़त महिला के तीन नवजात शिशुओं के प्रसव का एम्स में यह पहला मामला है।
धमतरी निवासी 28 वर्षीय गर्भवती महिला कुछ दिनों पहले कोरोना पॉजिटिव आई थी। उसका इलाज एम्स में चल रहा था। स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों की देखरेख में 18 अक्टूबर कसे महिला का 33 सप्ताह का प्री-मैच्योर प्रसव हुआ। महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया। चिकित्सकों के लिए तीन बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाकर इलाज करना काफी चुनौतीपूर्ण था। एम्स के चिकित्सकों ने इसे स्वीकार करते हुए तीनों बच्चों को एनआईसीयू में रखकर सतत निगरानी बनाए रखा। इसका नतीजा है कि दो बच्चों को उनकी मां के पास भेज दिया गया है, जहां पूर्ण सुरक्षा के साथ देखरेख की जा रही है। एक बच्चा अभी भी एनआईसीयू में है। चिकित्सकों का कहना है कि इन बच्चों को लगातार वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी। तीनों बच्चों की पहली कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। सुरक्षा के मद्देनजर इन बच्चों का अभी रिपीट टेस्ट बाकी है। एनआईसीयू में बच्चों बच्चों की देखरेख में डॉ. श्रीकृष्ण, डॉ. नीलकांत सेन, डॉ. मजहर हुसैन, डॉ. योगेश अग्रवाल, डॉ. पॉलमी, डॉ. जूलियट, डॉ. प्रतीक, डॉ. अक्षा और डॉ. श्वेता लगी हुई हैं।
जुड़वा बच्चों के फेफड़े में दिक्कत
दुर्ग की रहने वाली 33 वर्षीय कोरोना पॉजीटिव महिला ने 19 अक्टूबर को जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। महिला का प्रसव 33 सप्ताह का था। इन बच्चों को संक्रमण से बचाते हुए इलाज किया जा रहा है। बच्चों को फेफड़े संबंधी दिक्कतें हैं, जिन्हें एनआईसीयू में भर्ती किया गया है। इनकी कोरोना जांच रिपोर्ट अभी लंबित है।

चुनौतीपूर्ण केसों को स्वीकार करके एम्स के चिकित्सकों ने अपनी विशेषज्ञता को सिद्ध किया है। एनआईसीयू में सभी सुविधाओं से युक्त 20 बिस्तर हैं। इनके अलावा दो बिस्तर कोरोना पॉजीटिव बच्चों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। एनआईसीयू के चिकित्सकों ने जिस प्रकार विशेषज्ञ इलाज किया, वह नि:संदेह प्रशंसनीय है।
डॉ. नितिन एम नागरकर, निदेशक, एम्स, रायपुर
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