scriptकटघोरा में 3 किमी के कंटेनमेंट जोन से 1500 लोगों की सैंपलिंग, दो हजार रैपिड किट से जांच शुरू | Corona test of 1500 people from 3-km containment zone in Katghora | Patrika News

कटघोरा में 3 किमी के कंटेनमेंट जोन से 1500 लोगों की सैंपलिंग, दो हजार रैपिड किट से जांच शुरू

locationरायपुरPublished: Apr 19, 2020 07:12:43 pm

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CG Desk

– स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय टीम पहुंची कोरबा, जमीनी हालात का जायजा लिया- कटघोरा मीटर- 27 पॉजिटिव, 16 को मिली छुट्टी और 11 का जारी है एम्स में इलाज

कटघोरा में 3 किमी के कंटेनमेंट जोन से 1500 लोगों की सैंपलिंग, दो हजार रैपिड किट से जांच शुरू

कटघोरा में 3 किमी के कंटेनमेंट जोन से 1500 लोगों की सैंपलिंग, दो हजार रैपिड किट से जांच शुरू

रायपुर/कटघोरा। प्रदेश के एकमात्र कोरोना कंटेनमेंट जोन कटघोरा को वापस पटरी पर लाने के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यहां के पुरानी बस्ती मस्जिद क्षेत्र का तीन किमी का दायरा हफ्तेभर से पूरी तरह से सील है। घरों से निकलने पर पाबंदी है। यही वजह है कि वायरस के फैलाव पर नियंत्रण लगता दिखाई दे रहा है। अब तक कंटेनमेंट जोन से 1500 सैंपल लिए जा चुके हैं। इनमें से करीब 1300 की जारी रिपोर्ट में 27 पॉजिटिव पाए गए हैं। अब इस जोन के बाहर के क्षेत्र (बफर जोन) से सैंपलिंग शुरू कर दी गई है। इससे यह पता लग सकेगा कि कहीं दूसरा इलाका तो कोरोना संक्रमित तो नहीं है।
शनिवार को स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति कटघोरा पहुंची। इन्होंने तमाम तैयारियों को देखा और मौका-मुआयना किया। ‘पत्रिका’ को समिति के सदस्य ने जानकारी दी कि मस्जिद वाला क्षेत्र बेहद संघन बसाहट वाला क्षेत्र है। एक-दो कमरे के घरों में चार से सात लोग तक रहते हैं। शुरुआत में अगर ध्यान दिया जाता तो वायरस के फैलाव को रोका जा सकता था। जिसने कटघोरा को अपनी चपेट में लिया। हालांकि इन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में आने में हफ्ता-10 दिन का समय लग सकता है। समिति ने आशंका जताई है कि अभी कुछ और पॉजिटिव केस मिल सकते हैं क्योंकि लगातार सैंपलिंग की जा रही है।

किट से 30 मिनट में नतीजे
केंद्र सरकार ने राज्य को साढ़े चार हजार रेपिड किट दी है। इनमें से दो हजार किट शनिवार को कटघोरा पहुंचाई गई। स्थानीय अमले को विशेष प्रशिक्षण दिलवाया गया और जांच भी शुरू हो गई। इस किट के नतीजे 30 मिनट में ही आ रहे हैं। सैंपल को लैब में भेजने की आवश्यकता नहीं है।

कोरबा में रखे जाएंगे मरीज
स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक की अध्यक्षता वाली टीम ने कोरबा कोविड-19 हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। यहां छह वेंटिलेटर हैं। सचिव ने कलेक्टर व सीएमएचओ कहा कि तैयारियां रखें। आवश्यकता पडऩे पर मरीजों, संदिग्धों को यहां रखा जा सकता है।

अब तक चार राज्य स्तरीय समितियां जा चुकी हैं कटघोरा
9 अप्रैल- एक साथ सात लोगों में वायरस की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने आईडीएसपी के डॉ. कमलेश जैन के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम कटघोरा भेजी। जिसने स्वास्थ्य सचिव को कटघोरा की स्थिति से अवगत करवाया। साथ ही स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य अमले को दिशा-निर्देश दिए।

15 अप्रैल- स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम को कटघोरा भेजा। इस टीम ने हालात का जायजा लिया। कांटेक्ट ट्रेसिंग को और तेज करने, निगेटिव पाए गए संदिग्धों की दोबारा जांच करने और कोरबा में बन रहे कोविड-19 हॉस्पिटल का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
16 अप्रैल- उप संचालक डॉ. केआर सोनवानी के नेतृत्व में एक और टीम कटघोरा भेजी गई, जो सर्विलेंस में स्थानीय अमले की मदद कर रही है।

18 अप्रैल- खुद स्वास्थ्य सचिव के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम शनिवार को कटघोरा पहुंची। जिसमें स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़, एसएचआरसी के विशेषज्ञ समीर गर्ग और पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा शामिल हैं।

इसीलिए कम समय में ठीक हो रहे मरीज
स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने कहा कि जल्दी बीमारी का पता लग जाने से मरीजों का प्रारंभिक चरण में ही बेहतर इलाज संभव है। अधिकांश संक्रमित लोग युवा हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है इसीलिए इलाज के दौरान वे जल्दी ठीक हो रहे हैं। देर से संक्रमण के बारे में पता चलने पर बीमारी फेफड़ों तक पहुंच जाती है, जिससे सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ होती है। स्थिति बिगडऩे पर पहले मरीज को आक्सीजन देना पड़ता है फिर उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है।

कंटेनमेंट जोन के सभी घरों का सर्वे पूरा हो चुका है। सैंपलिंग की जा चुकी है। कुछ रिपोर्ट आनी बाकी है। हां, अभी काफी लोग क्वारंटाइन में हैं। जो निगेटिव हैं उनका भी दोबारा जांच करवाई जानी है।
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग

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