उधर, चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ.एसएल आदिले ने भी मेडिकल कॉलेज में संचालित लैब का दौरा किया। डॉक्टरों से मुलाकात की। हालांकि प्रदेश के राजनांदगांव, अंबिकापुर और बिलासपुर मेडिकल कॉलेजों में अब तक लैब शुरू नहीं हो पाई है जबकि लैब स्थापित करने की प्रक्रिया बीते तीन महीनों से जारी है। यह महीना तो गुजर ही गया है।
जानकारी के मुताबिक अभी भी लैबों में सिविल वर्क का काम जारी है, जो जुलाई में कब तक पूरा होगा, पता नहीं। क्योंकि सिविल वर्क के बाद मशीनों का इंस्टॉलेशन और फिर रायपुर स्थित एम्स द्वारा निरीक्षण कर लैब को मान्यता देने की प्रक्रिया होगी। इसमें भी समय लगेगा। अब जब प्रदेश को ज्यादा से ज्यादा टेस्ट की जरुरत है, ऐसे वक्त में कॉलेज प्रबंधकों द्वारा लैब खोलने में लेट-लतीफी समझ से परे है। तब जब खुद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जल्द से जल्द लैब खोलने के निर्देश एक नहीं कई बार दे चुके हैं।