जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से केबिनेट के समक्ष केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट रखी गई थी, जिसमें छत्तीसगढ़ में अगस्त तक ६३ हजार मरीज मिलने का अनुमान था, जो संभव नहीं है। मगर, आपात स्थिति से निपटने लिए पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रहा है। क्योंकि देखने में यह आया है कि कई बार कोरोना का ट्रेंड अचानक से सारे समीकरण बिगाड़ भी देता है।
प्रदेश में अब तक कोरोना की रफ्तार तारीख संक्रमित मरीज स्वस्थ मरीज मार्च से 31 जुलाई तक 9086 6230 1 से 12 अगस्त तक 4466 3278 कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 70.2 प्रतिशत
रायपुर में ट्रेंड पीक जैसा ही जिले में 1 से 12 अगस्त तक 1615 मरीज मिले, जिनमें से 1372 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए। इन आंकड़ों से स्वास्थ्य विभाग का अनुमान है कि अगस्त निर्णायक हो सकता है। कोविड-19 के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धमेंद्र गहवईं का कहना है कि यह कोरोना का पीक मंथ भी साबित हो सकता है। बसरते आने वाले दो हफ्ते में यही ट्रेंड बना रहे तो…। रायपुर में जितने टेस्ट हो रहे हैं, उस हिसाब से तो मरीज की संख्या 200 के अंदर सीमित हो गई है। बाकी जिलों में स्थिति थोड़ी उलट जरूर है।
इन जिलों में बढ़े मरीज रायपुर के साथ-साथ दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, बस्तर, बलौदाबाजार और जांजगीर चांपा में काफी बढ़ी है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि अभी इसे पीक नहीं माना जा सकता हैं, हां यह जरूर कहा जा सकता है कि पीक की तरफ बढ़ रहे हैं। केंद्र के आंकलन के अनुसार छत्तीसगढ़ में अगस्त तक ६३ हजार मरीज मिलते, जो किसी स्थिति में मुमकिन नहीं है।