इसी के चलते जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम संयुक्त रूप से बिना लक्षण वाले 80 प्रतिशत मरीजों के लिए कोरोना केयर सेंटर तलाश रही है। ठीक वैसे ही जैसे इंडोर स्टेडियम को विकसित किया गया है। ‘पत्रिका’ को मिली जानकारी कोरोना केयर सेंटर के लिए 7 संस्थानों का चयन किया गया है। जहां 4,000 संक्रमित मरीजों को रखा जा सकता है।
बिना लक्षण वाले मरीजों में वायरस लोड कम होता है। उन्हें कोई अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। उन्हें घर-परिवार से अलग रखा जाता है र ताकी वे संक्रमण न फैला सकें। उन्हें सुबह, दोपहर और रात को कोरोना ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत सिर्फ दवा दी जाती है। वे नौ की निगरानी में रहते हैं। डॉक्टर दिन में एक-दो बार दौरा करते हैं। इन्हीं मरीजों के लिए पूरा इंतजाम किया जा रहा है। इनमें अकेले 2,000 बिस्तर राधा स्वामी सत्संग भवन में ही लगेंगे। गौरतलब है कि सरकार ने अभी रायपुर इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस (रिम्स) के अतिरिक्त किसी अन्य को अधिग्रहित नहीं किया है। जरुरत पड़ने पर कर सकती है।
वर्तमान में उपलब्ध सुविधा- सरकारी संस्थानों में- वर्तमान में एम्स रायपुर में 500 बिस्तर की व्यवस्था है, जहां गंभीर मरीजों को रखा जा रहा है। डॉ भीमराव आंबेडकर अस्पताल में भी 500 बिस्तर की व्यवस्था है। जिनमें से 400 बेड भरे हैं, इन्हें बढ़ाकर 700 तक किया जा सकता है। माना में 120 बिस्तर हैं, जो भरे हुए हैं। लालपुर में 84 बेड, आयुर्वेद कॉलेज में 400 बेड की व्यवस्था है। सरकार द्वारा अधिग्रहित किए गए रिम्स में 250 बेड की व्यवस्था है, जिसे अभी इस्तेमाल में नहीं लाया गया है। इन्हें मिलाकर 2,054 बिस्तर हैं।
ईएसआईसी अस्पताल में- भनपुरी स्थित इस अस्पताल में 200 बिस्तर की व्यवस्था है। 1 दिन के इलाज का खर्च 1,448 रु. निर्धारित किया है।निजी
अस्पतालों में- शहर के दो निजी अस्पतालों ने होटलों में कोरोना केयर सेंटर बनाया है। जहां 100 मरीज भर्ती हो सकते हैं।