scriptतालियां बजवाने और दीये जलवाने से खत्म नहीं होगा कोरोना: राहुल छग के सीएम बघेल बोले-खुशी का माहौल होने पर जलाते हैं दीये | Corona will not end with clapping and lighting lamps: Rahul Gandhi | Patrika News

तालियां बजवाने और दीये जलवाने से खत्म नहीं होगा कोरोना: राहुल छग के सीएम बघेल बोले-खुशी का माहौल होने पर जलाते हैं दीये

locationरायपुरPublished: Apr 04, 2020 08:32:45 pm

Submitted by:

ashutosh kumar

वायरस को नष्ट करने में प्रकाश की अहम भूमिका

तालियां बजवाने और दीये जलवाने से खत्म नहीं होगा कोरोना: राहुल गांधी

तालियां बजवाने और दीये जलवाने से खत्म नहीं होगा कोरोना: राहुल गांधी

रायपुर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत में कोरोना की पर्याप्त जांच नहीं हो रही है और ऐसे में लोगों से तालियां बजवाने एवं दीये जलवाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। वहीं मीडिया ने जब छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि भगवान राम के लंका से अयोध्या लौटने की खुशी मनाने के लिए दीया जलाए जाते हैं। इस समय देश में दर्जनों लोग मारे गए हैं, लोग कोरोनोवायरस के कारण भय में जी रहे हैं। इन परिस्थितियों में, मैं दीया जलाना उचित नहीं समझता हूं।
राहुल गांधी ने दुनिया के कई प्रमुख देशों और भारत में कोरोना की जांच के आंकड़े से जुड़ा एक ग्राफ साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘भारत कोविड-19 से लडऩे के लिए पर्याप्त जांच नहीं कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा, ‘ लोगों से ताली बजवाने और दीये जलवाने से समस्या हल नहीं होगी।

तालियां बजवाने और दीये जलवाने से खत्म नहीं होगा कोरोना: राहुल गांधी
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश की ‘सामूहिक शक्ति’ के महत्व को रेखांकित करते हुए रविवार 5 अप्रैल को देशवासियों से अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील की है।

कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बिजली बहुत ही अहम हथियार: नितिन राउत
इधर, पीएम की अपील पर महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि एक साथ सभी लाइटें बंद होने से डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर की वजह से फ्रीक्वेंसी में असर पड़ेगा और ग्रिड भी फेल हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर आपातकालीन सेवाओं पर पड़ेगा। उनके मुताबिक लॉकडाउन के चलते राज्य में बिजली की डिमांड 23 हजार मेगावाट से घटकर 13 हजार पर आ चुकी है। राउत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पावर ग्रिड फेल हुई तो ठीक करने में 12 से 16 घंटे लग सकते हैं। इसलिए बिजली मिलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि सभी एक साथ लाइटें ना बुझाएं। क्योंकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बिजली बहुत ही अहम हथियार है।

निगेटिव चीजों और बैक्टीरिया, वायरस आदि को नष्ट करने में प्रकाश की अहम भूमिका
पूजा के समय दीपक जलाने का बड़ा महत्व है। वहीं कई धर्मों में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। वैज्ञानिक नजरिए से प्रकाश का अपना अलग महत्व है। रोशनी में गर्मी तो होती ही है साथ ही यह निगेटिव चीजों को नष्ट भी करती है जैसे बैक्टीरिया, वायरस आदि। वहीं दीये जलाने को सनातन धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना गया है। सकारात्मक तौर पर इस कार्य को लेते हुए इसका अर्थ जीवन को प्रकाशित करने से जोड़ा गया है। यह भी मानना है कि दीपक दुख, दारिद्रय और दुर्भाग्य को दूर करता है। शास्त्रों में भी दीया जलाने को महत्व दिया गया है। रोशनी को रक्षा कवच के तौर पर लिया जाता है जिससे सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में निरंतरता रहती है।

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