छत्तीसगढ़ से कितने लोग चीन गए हुए हैं या फिर चीन से लौटे हैं फिलहाल इस संबंध में विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है।हालांकि विभाग इस बात को लेकर आश्वास्त है कि प्रदेश सुरक्षित है। उधर डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस स्वाइन फ्लू और जीका वायरस से कहीं ज्यादा खतरनाक है।
वायरस के बारे में वह सब जो आप जानना चाहते हैं
क्या है ?– यह विषाणुओं का समूह है, जिससे सामान्यत: जानवरों में बीमारी होती है। कभी-कभी यह मनुष्यों में भी पहुंच जाता है। जैसा चीन में सामने आया है।
लक्षण – सामान्य सर्दी-खांसी व बुखार। इसके अलावा सिरदर्द, गले में खरास। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम हो जाना। इससे निमोनिया और ब्रोंकाइटिस बीमारी जन्म ले लेती हैं। कैसे फैलता है – संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से हवा के द्वारा दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। छूने व हाथ मिलाने से भी यह वायरस दूसरों में पहुंच जाता है। संक्रमित सामग्रियों के संपर्क में आने से भी फैलता है।
ऐसे करें बचाव– संक्रमिक व्यक्ति के निकट जाने से बचें। हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। सामान्य सदी, खांसी और बुखार होने पर डॉक्टरी सलाह लें। घर में आराम करें।
सतर्कता ही विकल्प
यह जानलेवा वायरस है जो एक मनुष्य से दुसरे में फैलता है। जिस तरह से मौसमी बीमारियों से लडऩे के लिए हमारे शरीर में रोक प्रतिरोध क्षमता विकसित हो जाती है, मगर इस वायरस को लेकर ऐसा नहीं है। इसे पहचाना मुश्किल है। इसकी कोई दवा है। यही वजह है कि लगातार जानें जा रही हैं। देखिए, भारत में इसके आने की संभावना इसलिए भी ज्यादा हैं क्योंकि भारत और चीन के व्यापारिक संबंध हैं। बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना है। इसलिए सतर्कता ही एकमात्र विकल्प है।
डॉ. गिरीश अग्रवाल, टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट
बीमारी की गंभीरता को देखते प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। अभी तक हमारे यहां कोई संदिग्ध मरीज नहीं मिला है, लेकिन सतर्कता बरतने की जरुरत है।
डॉ. सुभाष मिश्रा, राज्य नोडल अधिकारी, महामारी नियंत्रण कार्यक्रम