7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नए स्ट्रेन की आशंका: छत्तीसगढ़ चौथा राज्य जहां सबसे ज्यादा संक्रमण, 15 दिन तक शरीर में रह रहा वायरस

- एम्स अगले महीने करेगा स्ट्रेन की जांच, केमिकल की खरीदी शुरू- पंजाब और महाराष्ट्र में नया स्ट्रेन मिला है, इसलिए खतरा यहां भी

2 min read
Google source verification
Chhattisgarh Corona Update

Chhattisgarh Corona Update: स्टेशन में शुरू नहीं हुई RT-PCR जांच, यात्री बेधड़क आ-जा रहे

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Coronavirus Chhattisgarh Update) अब देश का चौथा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा मरीज रिपोर्ट होने शुरू हो चुके हैं। तो वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या में राज्य 5वें नंबर पर आ गया है। ये आंकड़े कतई सुखद नहीं हैं, तब जब हम कोरोना को मात देने के नजदीक थे। तो क्या यह नए स्ट्रेन का अटैक है? डॉक्टर-विशेषज्ञ वायरस में बदलाव की आशंका से इनकार नहीं कर रहे, क्योंकि छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना जारी है, जहां वायरस में म्युटेशन रिपोर्ट हुआ है। पंजाब से भी खबरें हैं। इसे यूके स्ट्रेन कहा गया है। मगर, छत्तीसगढ़ में अभी इसकी पुष्टि इसलिए नहीं हो सकती है क्योंकि जांच नहीं हुई।

आज स्थिति यह है कि पहले 5-7 दिन में कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हो जाते थे, मगर अब 15 दिन तक लग रहे हैं क्योंकि वायरस नहीं जा रहा। पहले आईसीयू में भर्ती मरीज 12-14 दिन में ठीक हो रहे थे, अब 16-18 दिन तक लग रहे हैं। यह इसलिए क्योंकि पहले की तुलना में वायरस बहुत ज्यादा प्रभावी है। नए स्ट्रेन के खतरे को भांपते हुए, रायपुर एम्स ने जीनोम सीक्वेंसिंक जांच की तैयारी शुरू कर दी है। केमिकल खरीदी प्रक्रियाधीन है। 15 अप्रैल के करीब जांच शुरू होती है तो 7 दिन में नतीजे सामने आ जाएंगे। चाहे जो हो हमें सतर्कता पहले से कई गुना अधिक बरतने की जरुरत है।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर, रायपुर-दुर्ग के बाद अब इन शहरों में बढ़ते संक्रमण ने बढ़ाई चिंता

आंबेडकर अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज डॉ. ओपी सुंदरानी की जुबानी, बोले- मैं 3 दिन से सो नहीं पाया
बीते 3-4 दिन से एकदम से गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी है। हमारा 40 बेड का आईसीयू भर चुका है, जिनमें 99 प्रतिशत बुजुर्ग मरीज हैं। स्थिति यह है कि हर घंटे मरीज आ रहे हैं, मैं क्या हमारा कोई स्टाफ एक घंटे भी नींद नहीं ले पा रहा है। मैंने 17 बेड का एक और आईसीयू तैयार कर लिया है, क्योंकि जरुरत तो पडऩी ही है। आप देखिए, यह स्थिति सितंबर में महसूस की थी जब कोरोना पीक पर था। स्थिति पर त्वरित नियंत्रण जरूरी है, क्योंकि आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नियमों का पालन करके, टीका लगवाकर ही बचाव संभव है। इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं।

डॉक्टरों की सलाह, जिसे नजरअंदाज न करें
सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, कमजोरी, हरारत, सुस्ती, सांस लेने में तकलीफ, कफ जैसी कोई भी शिकायत हो तत्काल जांच करवाएं। एक दिन की भी देरी न करें। जांच रिपोर्ट आने से पहले अपने कंसल्टेंट को जानकारी दें। झोलाछाप कथित डॉक्टर, मेडिकल स्टोर से दवाएं न लें। बुजुर्गोंं का सबसे ज्यादा ध्यान रखें।

यह भी पढ़ें: राजधानी में नाबालिगों को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने का मामला आया सामने, CMHO ने चेताया

एम्स रायपुर के वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब के प्रिसिंपल इंवेस्टीगेटर डॉ. अनुदिता भार्गव ने कहा, मरीज जल्दी टीक नहीं हो रहे, युवा ज्यादा संक्रमित हो रहे और मौतें बढ़ी हैं। कह सकते हैं कि वायरस पहले से ज्यादा खतरनाक है, मगर स्ट्रेन जांच के बाद ही पुख्ता तौर पर कुछ कह सकते हैं। हम जल्द जांच करेंगे।

हमसें आगे सिर्फ 3 राज्य, ये आंकड़े उपलब्धि नहीं- महाराष्ट्र 35952, पंजाब 2661, कर्नाटक 2523, छत्तीसगढ़ 2419 (25 मार्च को मिले मरीजों की संख्या के मुताबिक)