धनु राशि में पड़े ग्रहण और इन ग्रहों की युती से फैली महामारी
कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के करीब 100 से अधिक देशों में फैल चुका है। इसकी शुरुआत तब से हुई जब धनु राशि में पड़े ग्रहण के बाद चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने अब वैश्विक महामारी का ले लिया है। वहीं धनु राशि में देवगुरू बृहस्पति की केतु के साथ युति बन रही है। जिसके कारण समस्त जीव इससे पीड़ित हैं।
शेयर बाजार में मंदी कब तक
अप्रैल के महीने से सोने के कारक ग्रह गुरु के अपनी नीच राशि में होने के कारण इस कीमती धातु के दामों में तेजी आएगी। पेट्रोल और डीजल के कारक शनि अपनी राशि मकर में रहकर पेट्रोलियम की कीमत में गिरावट लाएंगे। फिलहाल मकर राशि में गोचर कर रहे गुरुदेव स्टॉक मार्केट में कहर बरपा रहे हैं। वैसे ये मंदी का दौर 1989, 2002 और 2009 में गुरु की शनि के साथ युति या समसप्तक योग के दौरान देखा जा चुका है।
ये 2 ग्रह दिलायेंगे भारत को कोरोना से मुक्ति
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि, जब मंगल और गुरु धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर लेंगे उस समय कोरोना वायरस के प्रकोप से देश को राहत महसुस होगी। फिलहाल 22 मार्च तक इस प्रकोप से लोगों को बचकर रहना होगा। 22 मार्च की रात को मंगल धनु राशि यानी केतु की युति से मुक्त होकर मकर राशि में प्रवेश कर लेंगे और दूसरी तरफ 30 मार्च को गुरु भी केतु का साथ छोड़ मकर राशि में जाएंगे।
क्योंकि आजाद भारत की कुंडली में मकर राशि नवम स्थान में पड़ती है जो कि एक शुभ भाव है, इसलिये तभी भारत में कोरोना वायरस से भारत को कुछ राहत मिलेगी। इसके बाद 14 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश और 26 अप्रैल को बुध के भी मेष राशि में आकर सूर्य से युति करने के साथ तापमान में तेजी से वृद्धि होगी और भारत को कोरोना के कहर से मुक्ति मिल जाएगी।