साथ ही चालानी कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन दिया था। इसकी लिखित शिकायत बस मालिक द्वारा की गई थी। बिलासपुर एसीबी की टीम ने जांच करने के बाद आरोपी को पेंड्रा स्थित अमरपुर के ढाबा के पास रिश्वत लेते हुए पकड़ा। साथ ही तलाशी में उसके पास से रकम बरामद की गई। दोनों ही आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया।
यह पहला मौक़ा है जबकि सूबेदार स्तर के किसी अधिकारी को एसीबी ने पकड़ा हो। एसीबी निदेशक आरिफ़ शेख़ ने बताया कि सूबेदार की शिकायत बस संचालक ने की थी उससे साठ हज़ार रुपए की माँग की जा रही थी, नहीं देने पर वह बग़ैर वजह चालान कर रहा था।एसीबी की ओर से पंकज चंद्रा ने शिकायत पर जाँच कार्यवाही की और योजनाबद्ध तरीक़े से बस संचालक और सूबेदार के बीच संवाद कराया गया जिसमें 50 हज़ार रुपए में सहमति बन गई जिसके बाद रिश्वत की रक़म लेते हुए एसीबी ने सूबेदार विकास नारक और उसके सहयोगी भरत पनिका को गिरफ़्तार कर लिया।
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