बता दें कि कोरोना के कहर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गाइडलाइन जारी की गई थी। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर के न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया था। इस दौरान एसीएस सुब्रत साहू, विधि विभाग के प्रमुख सचिव एनके चंद्रवंशी, एडीजी जेल संजय पिल्ले तथा विधिक सेवा के सचिव सिध्दार्थ अग्रवाल शामिल हुए थे।
महीनेभर के लिए मिलेगी राहत
पैरोल और जमानत पर रिहा किए जाने वाले बंदियों और कैदियों को ३० अप्रैल तक के लिए रिहा किया जाएगा। निर्धारित अवधि के बाद उन्हे संबंधित जेल में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। जेल डीआईजी केके गुप्ता ने बताया कि सभी 33 जेलों से सूची मंगवाई गई है। इसकी फाइल मिलते ही विचार किया जाएगा। साथ ही रिहाई योग्य लोगों की सूची राज्य सरकार के पास भेजी जाएगी। इस पर संबंधित कोर्ट का आदेश होते ही उन्हें रवाना किया जाएगा।
तुरंत आदेश जारी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर ने विचाराधीन बंदियों के जमानत और मुचलका आवेदन तैयार किया। साथ ही जिला कोर्ट में पेश कर 96 बंदियों को रिहाई करवाई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव उमेश उपाध्याय ने बताया कि रायपुर जिला कोर्ट के अंर्तगत आने वाले तिल्दा, गरियाबंद, राजिम और देवभोग कोर्ट के मामलों को पेश किया गया था। इस दौरान प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ताओं के द्वारा दस्तावेजी खानापूर्ति की गई।