सरकार ने रायपुर में 22 जुलाई से 28 जुलाई तक लॉकडाउन (Total Lockdown in Raipur) घोषित किया था। उसके बाद भी संक्रमितों के मिलने का सिलसिला नहीं थमा तो लॉकडाउन बढ़ाकर 6 अगस्त तक कर दिया गया।
लॉकडाउन-एक में 1254 संक्रमित मिले जबकि छह की मौत हुई। लॉकडाउन-2 में संक्रमितों के मिलने पर कुछ अंकुश जरूर लगा। लेकिन मरने वालों की संख्या दोगुने से ज्यादा हो गई। लॉकडाउन-2 में 995 मरीज मिले, 15 लोगों ने दम तोड़ा।
दूसरी बिमारियों से पीड़ितों की ज्यादा मौतें
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश में अब तक जितनी मौतें हुई हैं उसमें सिर्फ कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या काफी कम है। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से जो पीड़ित थे, उनकी ज्यादा मौत हुई है। रायपुर में 35 मौतें हुई हैं, जिसमें 26 लोग कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। बीते मंगलवार को प्रदेश में 8 मौतें हुई थी, जिसमें तीन रायपुर, 3 बिलासपुर, एक सरगुजा और एक दुर्ग का मरीज था।
गुढ़ियारी निवासी 50 वर्षीय महिला और 35 वर्षीय युवक गंभीर ब्रेथलेसनेस की दशा में रायपुर मेडिकल कॉलेज और एम्स में भर्ती हुए थे। महोबा बाजार का 69 वर्षीय बुजुर्ग डायबिटीज, उक्त रक्तचाप तथा किडनी रोग से पीड़ित था। बिलासपुर निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग कार्डियक डिजीज, डायबिटीज रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस से पीड़ित था।
बिलासपुर का ही 58 वर्षीय पुरुष दोनों फेफड़ों में निमोनिया और रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस से पीड़ित था। सरगुजा का 75 वर्षीय व्यक्ति डायबिटीज व उक्त रक्तचाप से पीड़ित था। दुर्ग के 48 वर्षीय पुरुष को 3 दिन से ब्रेथलेसनेस होने की दशा में एम्स में भर्ती कराया गया था।
रायपुर सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने कहा कि जागरूकता के अभाव से ज्यादा मौतें हो रही हैं। कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बावजूद लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं। संक्रमण बढ़ने के बाद अस्पताल पहुंच रहे हैं। अन्य बीमारियों से जो लोग पीड़ित हैं, वे थोड़ा सा भी लक्षण दिखता है तो तुरंत जांच कराएं।