रायपुर

कोरोना इफ़ेक्ट: ग्रामीणों में ज्यादा गंभीरता, कई गांवों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी

कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम और नियमों के प्रति ग्रामीणों में ज्यादा गंभीरता देखी जा रही है।

रायपुरApr 01, 2020 / 11:35 pm

Ashish Gupta

कोरोना इफ़ेक्ट: ग्रामीणों में ज्यादा गंभीरता

रायपुर. कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम और नियमों के प्रति ग्रामीणों में ज्यादा गंभीरता देखी जा रही है। लॉक डाउन का पालन कराने के लिए ग्रामीणों में ज्यादा जागरूकता है। रायपुर और दुर्ग जैसे शहरी इलाकों के साथ ही बस्तर-गरियाबंद सरीखे धुर आदिवासी इलाकों के कई गांवों में ग्रामीणों ने नाकेबंदी कर दी है। जिससे कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश नहीं कर सके।
नाका की कड़ी निगरानी के लिए गांव वालों ने ड्यूटी लगा दी है, जिसे बाहरी व्यक्ति को रोकने की जिम्मेदारी दी गई है। दुर्ग जिले से जोड़ने वाली खारून नदी पुल पर ग्रामीणों ने बैरिकेटिंग कर रखा है। किसानों को अपने ही जिले में सब्जी बेचने के लिए कहा जा रहा है। तर्रा, चिचोली, तुलसी ग्राम पंचायतों की सीमा ब्लॉक कर दी गई है।

धनपुरी गांव की सीमा बंद
रायपुर के धनपुरी गांव की सीमा को बांस-बल्ली लगाकर बंद कर दिया है, ताकि बाहरी लोग नहीं आ सके। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उप सरपंच गिरधारी साहू ने गांव वालों से घर पर ही रहने की अपील की है।

तिल्दा के गांव में पहरेदारी
तिल्दा ब्लाक के गांव में जागरूक युवा और जनप्रतिनिधियों ने प्रवेश द्वार पर पहरा बिठा दिया है। बाहरी के प्रवेश की पाबंदी की जानकारी व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से पहुंचा रहे हैं। सबसे पहले ग्राम पंचायत सिनोधा और ग्राम सरारीडीह में लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा है।

पलारी का मुख्य द्वार बंद
बलौदा बाजार के पलारी ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने मुख्य द्वार को बंद कर दिया है और बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी वाला पोस्टर लगाया है। कुम्हारी मार्ग भी बंद है। उपसरपंच बलराम वर्मा ने बताया कि गांव के युवा लॉक डाउन में पुलिस प्रशासन को पूरा सहयोग दे रहे हैं।

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