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मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि आज के लिए वैक्सीन सबसे ज्यादा जरूरी है। उसके लिए पैसा चाहिए। केंद्र सरकार ने हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए मुफ्त में टीके दिए, तो लोगों के लिए भी यही फैसला होना चाहिए था। मगर उन्होंने इसके लिए राज्य पर जिम्मेदारी डाल दी।यह भी पढ़ें: ये कैसा अंधविश्वास: छत्तीसगढ़ में कोरोना को देवी मानकर महिलाओं ने की पूजा, रखा व्रत
एपीएल वाले निराश लौटे- प्रदेश के सभी जिलों में लगभग एपीएल का कोटा खत्म हो चुका है। रायपुर में इस वर्ग के लिए एक भी वैक्सीन नहीं है, जो बची हैं वे अंत्योदय, बीपीएल फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए है। एपीएल श्रेणी वाली लोग पहुंचें, मगर उन्हें सभी केंद्रों से निराश लौटना पड़ा, इन्होंने नाराजगी भी जाहिर की।समझे वैक्सीन के कोटा का गणित
प्रदेश में वैक्सीन का कोटा सरकार ने तय किया है। अगर, किसी केंद्र को 100 वैक्सीन दी गई हैं तो उनमें से 20 फ्रंट लाइन वर्कर्स, 52 बीपीएल राशनकार्डधारी, 16 एपीएल और 12 प्रतिशत अंत्योदय, निराश्रितों,अन्नपूर्णा राशन कार्डधारी और नि:शक्तजनों के लिए है। एपीएल वालों की संख्या अधिक है, जबकि बीपीएल और अंत्योदय वालों की कम। बीपीएल और अंत्योदय वालों के लिए अभी भी वैक्सीन केंद्रों में उपलब्ध हैं।