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एक ही परिवार के पांच से सात सदस्यों के नाम से जारी हुए पटाखा लाइसेंस

locationरायपुरPublished: Sep 23, 2019 12:38:45 pm

Submitted by:

jitendra dahiya

– स्टॉक बढ़ाने के लिए रचा खेल, एक ही गोदाम के नाम से पांच-पांच लाइसेंस

एक ही परिवार के पांच से सात सदस्यों के नाम से जारी हुए पटाखा लाइसेंस

एक ही परिवार के पांच से सात सदस्यों के नाम से जारी हुए पटाखा लाइसेंस

रायपुर। राजधानी में पटाखा व्यापारियों के संचालकों द्वारा स्टॉक बढाने के लिए खेल खेला जा रहा है। पत्रिका को मिले दस्तावेज बताते हैं कि बीते वर्षों में एक ही परिवार के ५ से ७ लोगों के नाम से लाइसेंस जारी किया जाता रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि व्यवसायी नियमों के तहत 400 किग्रा बारूद रख सकता है। लाइसेंस जारी करते समय आवेदन में यह स्पष्ट रूप से लिखा रहता है, इसलिए व्यापारियों द्वारा एक ही परिवार के पांच से छह लोगों के नाम से लाइसेंस बनवाते हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि सभी लाइसेंसों में परिसर का पता एक ही दर्ज किया गया है। दस्तावेज बताते हैं कि जिला प्रशासन ने कभी भी लाइसेंस जारी करने से पहले स्थल निरीक्षण नहीं किया। जिसका नतीजा यह है कि जिले के आठ से अधिक व्यापारियों के परिवार के पूरे सदस्यों के नाम से लाइसेंस जारी कर दिया गया।
इसका फयदा यह हुआ कि व्यापारियों ने एक ही गोदाम में अलग-अलग लाइसेंस के नाम पर 8 से 10 गुना ज्यादा बारूद एकत्रित कर लिया। लाखेनगर और रामसागरपारा के दो व्यापारियों के परिवार में सबसे ज्यादा लाइसेंस जिले के अधिकांश पटाखा व्यापारियों के पास दो से ज्यादा लाइसेंस है इसके अलावा लाखेनगर, बढईपारा और रामसागर पारा के पटाखा व्यापारियों के परिवार के सात-सात सदस्यों के नाम से लाइसेंस जारी किया गया।

फर्जी शपथ-पत्र पर भी नहीं हुई कार्रवाई

पटाखा व्यापारियों ने शपथ-पत्र देकर दो साल पहले घोषणा की थी कि शहर से बाहर दुकान और गोदाम शिफ्ट करने के बाद स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे। जिला प्रशासन के पास ये शपथ-पत्र पड़े हुए हैं। इसके बाद फिर व्यापारियों द्वारा दुकान और गोदाम शहर के बाहर करने के बाद भी आवेदन किए जा रहे हैं। इस तरह फर्जी शपथ पत्र देने के मामले में भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं, फिर भी खुलेआम व्यापार

तत्कालिन कलेक्टर ओपी चौधरी ने सभी पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस नवीनीकरण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से आज तक पटाखा व्यापारियों के दुकानों और गोदामों की जांच नहीं हो पाई। 24 दिसम्बर 2015 तक दुकानें शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए नोटिस दिया गया था। कारोबारियों ने समय मांगा तो 15 मार्च 2016 तक की मोहलत दी गई। इसके बाद 30 नवम्बर 2017 को सभी पटाखा कारोबारियों के स्थायी लाइसेंस निरस्त कर दिए गए।
पटाखा दुकानों की जांच के लिए टीम बनाकर जल्द ही स्थल निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। विनीत नंदनवार, एडीएम रायपुर

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