फर्जी शपथ-पत्र पर भी नहीं हुई कार्रवाई
पटाखा व्यापारियों ने शपथ-पत्र देकर दो साल पहले घोषणा की थी कि शहर से बाहर दुकान और गोदाम शिफ्ट करने के बाद स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे। जिला प्रशासन के पास ये शपथ-पत्र पड़े हुए हैं। इसके बाद फिर व्यापारियों द्वारा दुकान और गोदाम शहर के बाहर करने के बाद भी आवेदन किए जा रहे हैं। इस तरह फर्जी शपथ पत्र देने के मामले में भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं, फिर भी खुलेआम व्यापार
तत्कालिन कलेक्टर ओपी चौधरी ने सभी पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस नवीनीकरण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से आज तक पटाखा व्यापारियों के दुकानों और गोदामों की जांच नहीं हो पाई। 24 दिसम्बर 2015 तक दुकानें शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए नोटिस दिया गया था। कारोबारियों ने समय मांगा तो 15 मार्च 2016 तक की मोहलत दी गई। इसके बाद 30 नवम्बर 2017 को सभी पटाखा कारोबारियों के स्थायी लाइसेंस निरस्त कर दिए गए।