सिर दर्द से परेशान लड़की को देख आरोपी ने कहा- वह तो आयुर्वेद दवा देता है। एक ही खुराक में दर्द ठीक हो जाएगा। सिर दर्द से पढ़ाई लिखाई, काम धाम में मन नहीं लगता है और बोला मैं बैगा भी हूं। दवा जंगल मिलेगी। सिर दर्द की दवा खाने के लिए जंगल तो साथ चलना पड़ेगा। आरोपी के बातों में आकर परिजनों ने नाबालिग को जंगल जाने की अनुमति दे दी।
नाबालिग को आरोपी घनघोर जंगल में ले गया और झाड़ फूंक के बहाने शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करने लगा तो लड़की भागने का प्रयास करने लगी तो पकड़ लिया और जान से मानने की धमकी देने हुए नाबालिग की आबरू लूट ली और बेहोशी के हालत में छोड़ फरार हो गया।
कुछ देर बाद नाबालिग को (Rape case in chhattisgarh) होश आया तो वह किसी तरह से घर पहुंची और आप बीती घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। दो जनवरी को परिजनों ने पुलिस को सूचना देने के बाद अगले दिन आमाबेड़ा थाने में दुष्कर्म का अपराध दर्ज करा दिया।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण को न्यायालय में पेश किया। जहां विशेष न्यायाधीश प्रशांत शिवहरे ने पीडि़ता के बयान और गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी पाते हुए धारा 363 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रुपए का अर्थदंड, धारा 366 के तहत 6 वर्ष का सश्रम कारावास और धारा 376 के तहत 20 साल का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।