पुलिस के मुताबिक हनुमान नगर निवासी पितांबर देवांगन एसआईएस सिस्को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कस्टोडियन के तौर पर काम करता है। एसआईएस सिस्को एचडीएफसी बैंक के करेंसी चेस्ट से नकद लेकर एटीएम बूथ और अन्य बैंकों के एटीएम बूथ में जमा करती है। पितांबर को कंपनी ने पिछले चार माह से तनख्वाह नहीं दिया था। इससे वह परेशान हो गया। इसकी शिकायत पितांबर ने 23 अगस्त को पुरानी बस्ती और डीडीनगर थाने में की। पुलिस वालों ने भी उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की और न ही किसी प्रकार की जांच की।
मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होते देखकर पितांबर एक बार और अधिकारियों से अपने वेतन की मांग की। अधिकारियों ने फिर उसे भगा दिया। इससे नाराज होकर 26 अगस्त को वह करेंसी चेस्ट शाखा पहुंचा और वहां खड़ी कैश वैन सीजी 04 जेडी 0661 को लेकर फरार हो गया। वैन को ले जाकर उसने अपने घर में खड़ी कर दी। कैश ट्रांसपर के दौरान वैन नजर नहीं आई, तो कंपनी के अधिकारियों ने उसकी तलाश शुरू की। इसके बाद पितांबर को फोन किया गया। पितांबर ने तनख्वाह देने के बाद ही गाड़ी लौटाने की चेतावनी देकर अपना मोबाइल बंद कर दिया। इसके बाद कंपनी के कार्यकारी अधिकारी मुकेश कुमार सिंह डीडीनगर थाने पहुंचे और पितांबर के खिलाफ शिकायत की। पुलिस ने मुकेश की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की ।
तंगहाल परिवार
पितांबर को चार माह की तनख्वाह नहीं मिलने से उसका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। बीवी-बच्चों के अलावा अन्य सदस्य भी हैं, जो पैसों के अभाव में उधारी से काम चला रहे हैं। लोग अब उधारी देना भी बंद कर दिए हैं।
कंपनी की सफाई, इसलिए रोका है पेमेंट
कंपनी के अधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि पीताम्बर कस्टोडियन था और कुछ एटीएम में नकदी की शार्टेज हो गई थी। इस कारण एसबीआई ने कंपनी का पेमेंट रोक दिया है। इस कारण पितांबर को पैसा नहीं मिला है। दूसरी ओर पितांबर का कहना था कि यह शार्टेज दूसरों की लापरवाही की वजह से हुई है। उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्हें कंपनी ने बेवजह फंसा दिया है।