पुलिस के मुताबिक दलदल सिवनी निवासी विवेक साहू के मोबाइल पर 25 मई को एक मैसेज आया, जिसमें कहा गया था कि सैमसंग कंपनी की ओर से 5 लाख पाउंड इनाम दिया जा रहा है। इसको लेने के लिए अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, आयु आदि की जानकारी टाइप करके ईमेल कर दो। विवेक मैसेज देखने के बाद अपनी पूरी जानकारी कंपनी को ई-मेल कर दिया।
इसके बाद एक व्यक्ति ने फोन किया, जिसने खुद को इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) नई दिल्ली (New Delhi) का अधिकारी अरविंद शर्मा (International Monetary Fund) बताया। और कहा कि इंग्लैंड से एलन रिचर्ड ने एक पार्सल भेजा है। इसमें सैमसंग कंपनी का लैपटॉप, मोबाइल, दो टीशर्ट और मास्टर कार्ड आया है। अरविंद ने पार्सल का फोटो भी विवेक को भेजा। इसके बाद उसने इसे छुड़ाने के एवज में 18 हजार 900 रुपए जमा करने के लिए कहा। और दिल्ली के राजकुमार का बैंक खाता नंबर दिया। विवेक ने खाते में पैसा जमा करवा दिया।
आईएमएफ का फर्जी रसीद भेजा
अरविंद ने विवेक को भरोसा दिलाने के लिए आईएमएफ का रसीद भी भेजा और बताया कि यह पैसा आईएमएफ को पार्सल छुड़ाने के एवज में भेजा गया। इससे विवेक का भरोसा और बढ़ गया। इसके बाद 29 मई को रवि प्रसाद ने विवेक को फोन किया और खुद को मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर का कंसलटिंग ऑफिसर बताया। उसने कहा कि ऑफिशियल क्लीयरेंस फार्म भेजा गया है। इस भरकर भेजो और 48 हजार 200 रुपए खाते में जमा कर दो। यह राशि पाउंड को भारतीय मुद्रा में बदलने और मास्टर कार्ड का एक्टीवेट करने के लिए लिया जा रहा है। फार्म देखकर विवेक ने उतना पैसा जमा कर दिया।
मास्टर कार्ड भी भेजा
आरोपियों ने विवेक को पूरी तरह अपने झांसे में ले लिया था और बार-बार अलग-अलग कारणों से पैसा जमा करवाते जा रहे थे। 3 मई को आरोपियों ने विवेक के पते पर मास्टर कार्ड भेज दिया। मास्टर कार्ड मिलने से विवेक को 5 लाख पाउंड मिलने की उम्मीद और बढ़ गई। अगले दिन रवि ने फिर विवेक को फोन किया और कहा कि 84 हजार 400 जमा करवा दो। 24 घंटे के भीतर मास्टर कार्ड का पिन नंबर आ जाएगा। विवेक ने यह राशि भी जमा कर दिया।
अगले दिन रवि प्रसाद ने फिर फोन करके बताया कि यूनाइटेडनेशन एंटी टेरेरिस्ट डिपार्टमेंट का एंटी ड्रग-टेरेरिस्ट क्लीयरेंस फार्म भेजा गया है। इसे प्रिंट निकालकर भरकर भेजो और 1 लाख 96 हजार रुपए जमा कर दो। इसके बाद मास्टर कार्ड एक्टीव हो जाएगा। बार-बार पैसा जमा करवाने से विवेक का शक हुआ। उन्होंने पैसा जमा नहीं किया। इसके बाद आरोपियों का लगातार फोन आने लगा और पैसा जमा करवाने प्रयास करते रहे। इसकी शिकायत विवेक ने पंडरी थाने में की। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया।