पुलिस के मुताबिक सरोना निवासी वैभव शुक्ला एचआर ग्रेंड संस एंड कंपनी के नाम से कारोबार करते हैं। उनका हिंदुस्तान लीवर के साथ अनुबंध हुआ था। इसके लिए 35 लाख का बैंक गारंटी पेपर बनाकर केनरा बैंक में जमा किया था। इसमें परिवर्तन करके बैंक प्रबंधन ने हिंदुस्तान लीवर के पक्ष में कर दिया। इसकी जानकारी होने पर वैभव ने बैंक प्रबंधन में शिकायत की, लेकिन इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
इसकी शिकायत पर मौदहापारा पुलिस ने मामले की जांच की। जांच के दौरान बैंक के तत्कालीन बैंक मैनेजर संजय कुमार और बैंक अधिकारी शैलेष परमार की भूमिका संदेहास्पद मिली। इसकी जांच की गई इसमें दोनों अधिकारियों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी बनाना पाया गया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 406 और 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।