उल्लेखनीय है कि राजनांदगांव के सराफा कारोबारी भूपेश कुमार जैन और कपड़ा कारोबारी ललित मेश्राम को जमीन की खुदाई में मिले सोना बेचने के नाम पर तीन ठगों ने 16 लाख रुपए की चपत लगा दी। शुक्रवार को जांच के दौरान पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें एक संदिग्ध ठग व्यापारियों के कार में बैठते हुए दिखाई दे रहा है।
पीडि़तों के मुताबिक तीनों ठग हिंदी और छत्तीसगढ़ी में बातचीत कर रहे थे। इससे उन्हें आरोपियों के छत्तीसगढ़ का होने की आशंका है। दूसरी ओर पुलिस का मानना है कि कई बार शातिर ठग पुलिस की जांच की दिशा बदलने के लिए इस तरह के फंडे अपनाते हैं। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के बातचीत के ढंग और हुलिए के आधार पर आसपास के जिलों और राज्यों में तलाश शुरू कर दी है।
सीसीटीवी में कैद हुआ संदिग्ध ठग
16 लाख की ठगी के बाद दूसरे दिन पुलिस ने पीडि़तों के बयान के आधार पर टाटीबंध इलाके के उन सभी स्थानों की जांच की, जहां आरोपियों के साथ गए थे। इस दौरान टाटीबंध के जेके तालपत्री में लगे सीसीटीवी कैमरे में एक संदिग्ध ठग कार में बैठते हुए दिखा है। चेहरा स्पष्ट नहीं होने की वजह से पहचान नहीं हो पाई है। संदिग्ध ठग अकेला कार के पास आया और उसमें सवार लोगों से बातचीत किया। इसके बाद उनके साथ बैठ गया।
16 लाख की ठगी के बाद दूसरे दिन पुलिस ने पीडि़तों के बयान के आधार पर टाटीबंध इलाके के उन सभी स्थानों की जांच की, जहां आरोपियों के साथ गए थे। इस दौरान टाटीबंध के जेके तालपत्री में लगे सीसीटीवी कैमरे में एक संदिग्ध ठग कार में बैठते हुए दिखा है। चेहरा स्पष्ट नहीं होने की वजह से पहचान नहीं हो पाई है। संदिग्ध ठग अकेला कार के पास आया और उसमें सवार लोगों से बातचीत किया। इसके बाद उनके साथ बैठ गया।
व्यापारियों ने पुलिस को बताया था कि पहले एक ठग आया था, फिर माल लेकर दो लोग बाद में आए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उनकी पतासाजी शुरू कर दी है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन और बसस्टैंड के आसपास के कैमरों के फुटेज निकलवाए जा रहे हैं।
रायपुर एएसपी-शहर विजय अग्रवाल ने कहा कि टाटीबंध इलाके के कैमरों की फुटेज निकाली जा रही है। इसके अलावा पीडि़तों के बयान के आधार पर ठगों की तलाश की जा रही।