सीआरपीएफ जवान मनोज कुमार यादव जगदलपुर में पदस्थ है, वह छुट्टी में अपने गांव गाजीपुर उत्तर प्रदेश गया था, स्टेशन में उतर कर उसे एटीएम से पैसा निकालकर बीजापुर के लिए रवाना होता, उसी समय 16 अगस्त को शाम 5 बजे लूट का शिकार हो गया। मनोज यादव ने घटना के वक्त ही दौड़कर एक आरोपी को पकड़ लिया था।
आरोपी युवक पहले फोन कर अपने साथियों से लूट की राशि वापस करने की बातें कहता रहा। जब उसके साथी नहीं आए तो उसने जवान को अपना मोबाइल फोन दे दिया और पैसा लेकर आने को कहा तो जवान ने उसे छोड़ दिया। इसके बाद सीआरपीएफ जवान यादव ने जीआरपी थाने पहुंच कर रिपोर्ट दर्ज कराई।
थाना प्रभारी आरके बोर्झा ने शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एक आरोपी के मोबाइल फोन से ट्रेस कर तीनों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। उनके पास से लूटी गई रकम भी जब्त कर ली गई। भादंवि की धारा 392 के तहत चालन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीनों युवकों को जेल भेज दिया गया।
गैंग के तीनों युवक हीरापुर से गिरफ्तार
जीआरपी थाना प्रभारी बोर्झा ने बताया कि जवान से लूट की बारदात करने वाले गैंग के तीनों युवक उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। आरोपी रामकृष्ण मिश्रा पिता मदनमोहन (26) ग्राम उंचडीह थाना विंध्याचल उप्र, शिवप्रकाश मौर्या उर्फ अजय पिता जीत नारायन (26) ग्राम घनश्यामपुर गोपीगंज उप्र तथा नागेंद्र कुमार पिता रामश्रय पांडेय (26) ग्राम हरदेवपुर थाना गोपीगंज उप्र को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपी हीरापुर में अपने रिश्तेदार के यहां छिपे हुए थे।
जीआरपी थाना प्रभारी बोर्झा ने बताया कि जवान से लूट की बारदात करने वाले गैंग के तीनों युवक उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। आरोपी रामकृष्ण मिश्रा पिता मदनमोहन (26) ग्राम उंचडीह थाना विंध्याचल उप्र, शिवप्रकाश मौर्या उर्फ अजय पिता जीत नारायन (26) ग्राम घनश्यामपुर गोपीगंज उप्र तथा नागेंद्र कुमार पिता रामश्रय पांडेय (26) ग्राम हरदेवपुर थाना गोपीगंज उप्र को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपी हीरापुर में अपने रिश्तेदार के यहां छिपे हुए थे।
यात्री सुरक्षा पर बड़ा सवाल
इस घटना से स्टेशन में यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठ रहा है। जिस जगह सीआरपीएफ का जवान लूट का शिकार हुआ, उसी के बाजू में हरियारबंद जवानों की तैनाती का दावा किया जाता है। लुटेरों ने एटीएम के पास इतनी बड़ी बारदात को अंजाम देकर दौड़-भाग करते रहे, लेकिन वहां तैनात जवानों को भनक नहीं लगी और न ही उस तरफ किसी जवान ने नजर उठाकर देखा। सीआरपीएफ का जवान खुद लुटेरों के पीछे दौड़ता रहा।
इस घटना से स्टेशन में यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठ रहा है। जिस जगह सीआरपीएफ का जवान लूट का शिकार हुआ, उसी के बाजू में हरियारबंद जवानों की तैनाती का दावा किया जाता है। लुटेरों ने एटीएम के पास इतनी बड़ी बारदात को अंजाम देकर दौड़-भाग करते रहे, लेकिन वहां तैनात जवानों को भनक नहीं लगी और न ही उस तरफ किसी जवान ने नजर उठाकर देखा। सीआरपीएफ का जवान खुद लुटेरों के पीछे दौड़ता रहा।