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करोड़ों के घोटाले का हुआ पर्दाफाश, सचिव के पद से हटाया पर अभी भी उपायुक्त के पद पर है बरकरार

locationरायपुरPublished: May 19, 2019 09:28:47 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

– करोड़ों का गोलमाल(Crores scam), जांच पूरी नहीं, विभागीय सचिव भी जांच टीम बनाकर भूली
– पद में रहते हुए करोड़ों की गड़बड़ी
– भाजपा शासन (BJP Govt.)में दबाया था घोटाला, जांच करने में अधिकारियों के कांप रहे हाथ

करोड़ों के घोटाले का हुआ पर्दाफाश, सचिव के पद से हटाया पर अभी भी उपायुक्त के पद पर है बरकरार

करोड़ों के घोटाले का हुआ पर्दाफाश, सचिव के पद से हटाया पर अभी भी उपायुक्त के पद पर है बरकरार

रायपुर। श्रमिकों के कल्याण के लिए उपयोग होने वाले करोड़ों की राशि का छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल में अनियमितता के मामले सामने आ रहे हैं। यहां वाहनों की खरीदी से लेकर अलग-अलग टेंडर में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी (Crores Scam)की गईं है। पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM)के कार्यकाल के 5 हजार दिन पूरे होने पर 14 अगस्त 2017 को साइंस कॉलेज(Science Collage) में हुए कार्यक्रम में भोजन व्यवस्था के लिए बिना टेंडर के एक ही कंपनी को भुगतान कर दिया गया।
अहम बात यह है कि शिकायत होने पर घोटाले की जिम्मेदार अधिकारी सविता मिश्रा को पूर्व विभागीय मंत्री ने मंडल के सचिव पद से हटा दिया था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने मनमानी करते हुए आरोपी अधिकारी की ठीक से जांच करना तो दूर, उन्हें अब तक उपायुक्त का पद दे रखा है।

कर दिया लाखों का भुगतान

4 अगस्त 2017 को आयोजित कार्यक्रम में बिना निविदा निकाले जय मां बम्लेश्वरी रायपुर की फर्म को 30 अक्टूबर 2017 को 11 लाख 35 हजार 750 रुपए का भुगतान कर दिया गया है, जो कि भंडार क्रय नियम का उल्लंघन है। सचिव भवन कर्मकार कल्याण मंडल का गठन 2008 में हुआ था।
तब से मंडल का एक ही सचिव है। सचिव द्वारा तब से आज तक नियमित लेखाधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है। यहां पर संविदा लेखाधिकारी से कार्य लिया जा रहा है। जबकि किसी भी मंडल में संविदा लेखाधिकारी को वित्तीय अधिकार देना नियम विरुद्ध है। लेकिन सविता मिश्रा ने मनमर्जी से भुगतान करने के लिए संविदा लेखाधिकारी को रखा था, ताकि कोई आपत्ति नहीं कर सके।

2 करोड़ का फिजूलखर्च

विभाग की उपायुक्त ने भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में 2008 से 2018 तक 31 नये वाहन बिना वित्त विभाग के अनुमोदन साथ ही बिना विभागीय मंत्री के अनुमोदन से खरीदी कर अपने मनमर्जी ढंग से उसका उपयोग किया जा रहा है। जिसमे आज की स्थिति में मंडल के सचिव खुद अपने घर मे 5 वाहनों का उपयोग कर रही। जबकि वाहन खरीदी को महालेखाकार ने निष्फल व्यय माना है। बिना वित्त विभाग के अनुमति के गाड़ी खरीदने पर संबंधित अधिकारी से गाड़ी खरीदी की राशि से वसूलने के निर्देश भी दिए गए थे।

अवर सचिव को दिया था जांच का जिम्मा

श्रम विभाग की सचिव आर संगीता ने मामले का खुलासा होने के बाद 10 अप्रैल को अवर सचिव दिव्या मिश्रा को उपायुक्त के खिलाफ जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन अवर सचिव ने मामले की जांच करके रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
छग श्रम विभाग के अवर सचिव दिव्या मिश्रा का कहना हैं – जांच पूरी हो चुकी है। आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

शिकायतों के बाद शासन स्तर पर जांच कराई गई थी। यदि मैं दोषी हूं तो शासन कार्रवाई करेगी। कुछ लोग बेवजह मेरे खिलाफ शिकायतें कर रहे हैं।
सविता मिश्रा, उपायुक्त, भवन सन्निर्माण कर्मकार मंडल

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