होती है जमकर तस्करी
हर बार लॉकडाउन के दौरान शराब की कालाबाजारी जमकर होती है। स्टेशन रोड, वीआईपी रोड, गुढिय़ारी, सड्डू और खरोरा जैसे इलाकों में बड़े पैमाने में शराब की तस्करी होती है। लॉकडाउन के पहले शराब खरीदने वाले एक साथ दो-दो तीन-तीन पेटी शराब खरीदते नजर आए। यह शराब फिर ओवररेट में लॉकडाउन के दौरान बेची जाती है।
जिले में प्रत्येक दिन 14 करोड़ रुपये की बिक रही शराब
रायपुर शहर समेत ग्रामीण क्षेत्र में प्रति दिन 14 करोड़ रुपये की अंग्रेजी और देसी शराब बिक रही है। लॉकडाउन के पहले तकरीबन यह आंकड़ा 18 करोड़ पहुंच गया है।
फाफाडीह शराब दुकान में भीड़
फाफाडीह शराब दुकान के सामने भीड़ के कारण शाम को कई बार रोड़ जाम हो गई। इसके अलावा रेलवे स्टेशन, लाखेनगर, भनपुरी, गोगांव, संतोषी नगर, पंडरी समेत अन्य शराब दुकानों में मदिरा प्रेमियों की भीड़ नियमों को तार-तार करती दिखी।
हीरापुर शराब दुकान में लापरवाही
यहां गार्ड और पुलिस कर्मी तैनात रहते थे। ट्रांसपोर्ट एरिया के नजदीक होने की वजह से यहां भारी भीड़ होती है। इस बीच अब यहां नियमों का पालन कराने के लिए प्लेसमेंट कर्मचारी भी असफल हैं, क्योंकि वे ओवररेट में शराब देने के विवाद में ग्राहकों से उलझे रहते हैं।
आमानाका में भीड़ पर बेकाबू
आमानाका में मदिरा प्रेमियों की भीड़ जुटी हुई थी, लेकिन वहां उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था। यहां तो शारीरिक दूरी के मायने ही नहीं नजर आए। बिना मास्क लगाए ही वहीं शराब भी पीने में जुटे रहे।