बाजार में भी 2000 रुपए के नोट को लेकर समस्याएं देखने को मिल रही है। बैंक प्रबंधन के अधिकारियों भले यह कहते नजर आए कि बाजार में ऐसी कोई समस्या नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि बाजार में नोटों का संकट खड़ा हो चुका है। चिल्हर को लेकर अब दुकानों में बहस होने लगी है।
2000 रुपए के नोट के लिए चिल्हर और थोक कारोबारियों ने समस्या जताई है। बैंक सूत्रों का कहना है कि शहर में 2000 रुपए के नोट की जमाखोरी की आशंका है।विधानसभा चुनाव के बाद अब गणेश चतुर्थी के बाद अब बाजार में नवरात्रि, दशहरा, दिवाली को लेकर कारोबारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है।
एटीएम में 200 रुपए के नोट के लिए जगह नहीं : 200 रुपए के नए नोट की लांचिंग के बाद अब तक यह नोट सिर्फ बैंकों के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि एटीएम में अभी तक इन नोटों को रखने के लिए कैसेट्स की सुविधा नहीं है, जिसकी वजह से नए नोट एटीएम से नहीं निकल रहा है।
10 रुपए है, 20 रुपए की कमी : बैंकों में चिल्हर के नाम पर 10 रुपए के नोट खपाए जा रहे हैं, जबकि 20 रुपए और 50 रुपए के नोट अभी भी गायब है। 50 रुपए के नए नोट भी अब बाजार में कम दिखाई दे रहे हैं।
चुनाव के दो महीने पहले हालत खराब : राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक है। इसके मद्देनजर भी जमाखोरी को लेकर आशंका जाहिर करना गलत नहीं होगा। छोटे और बड़े नोटों की किल्लत को लेकर बैंक प्रबंधन ने जहां स्थिति को सामान्य बताया है, वहीं हालात इसके ठीक उलट है।
अगले महीने नई करेंसी का आर्डर
बैंक प्रबंधन के मुताबिक त्योहारी सीजन में स्थिति सामान्य रहेगी। प्रबंधन ने बैंकों के मुख्य कार्यालय को करेंसी की डिमांड भेज दी है। यह करेंसी संभवत: अक्टूबर महीने के प्रथम सप्ताह तक करेंसी चेस्ट में पहुंच जाएगी। बैकिंग सूत्रों के मुताबिक नवरात्रि से लेकर दिवाली तक 2500 करोड़ रुपए तक की करेंसी पहुंचेगी।