पुलिस के मुताबिक राजातालाब स्थित बांठिया नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर राजेंद्र बांठिया के पास एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को भारतीय सेना का मेजर बताया। उसने डॉक्टर से सेना के 50 जवानों का खून जांच करने को कहा और इसमें लगने वाले खर्च के संबंध में जानकारी मांगी। डॉक्टर बांठिया ने 50 जवानों के खून जांच पर 60 हजार रुपए का खर्च आना बताया।
इसके बाद ठग ने डॉक्टर को जांच के एवज में आने वाले खर्च का भुगतान करने के लिए पेटीएम एकाउंट का डिटेल मांगा। डॉक्टर बांठिया के पास पेटीएम एकाउंट नहीं था, तो उन्होंने अपने बेटे वीरम के पेटीएम खाते की जानकारी वाट्सऐप के जरिए उसे भेजी। इसके बाद ठग ने एकाउंट चेक करने के लिए वीरम से अपने पेटीएम खाते में 5 रुपए जमा करवाया।
इसके बाद ठग ने वीरम के पेटीएम खाते में 10 रुपए ट्रांसफर किया। इसके कुछ ही मिनट बाद वीरम के एचडीएफसी बैंक खाते से चार बार में कुल 71 लाख रुपए निकल गए। इसका मैसेज आने के बाद उन्हें ठगी का पता चला। इसकी शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात ठग के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
दबाव बना रहे ठग
घटना के बाद भी ठगों ने डॉक्टर बांठिया को फोन करना नहीं छोड़ा। वे उन्हें लगातार फोन करके बार-बार पेटीएम डिटेल बताने के लिए दबाव बना रहे हैं। आरोपी ने जिस खाते में ठगी की रकम को ट्रांसफर किया है, वह आकांक्षा झा के नाम से है। घटना की शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच में लगी है।
ठगी में भरतपुर गिरोह
घटना में राजस्थान के भरतपुर गिरोह के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। सेना के जवान या अधिकारी बनकर पूरे देश में यही गिरोह वारदात कर रहा है। यह सेना के नाम से लोगों को आसानी से भरोसे में लेता है। इसके बाद ठगी करता है। ओएलएक्स में भी यही गिरोह ठगी करता है।
इस तरह बच सकते हैं ठगी से
-अनजान लोगों की बातों पर आसानी से भरोसा न करें
-फोन में अगर बैंक खाता, वॉलेट या अन्य बैंकिग संबंधी जानकारी न दें
-लेन-देन संबंधी फैसला प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होने पर ही लें
-भुगतान होने या न होने संबंधी जांच के लिए कहता है, तो अलर्ट हो जाएं। ये ठगी करने वालों का फंडा होता है।