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गूगल पर ऑनलाइन ठगी की ऐसी तरकीब, मिनटों में खाली कर देंगे आपका अकाउंट

locationरायपुरPublished: Jul 14, 2019 10:50:56 pm

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CG Desk

Cyber crime: ठगी होते ही बैंक और पुलिस से संपर्क करने पर ही वापस मिल सकती है राशि* जागरूकता की कमी से बढ़ रहा साइबर फ्रॉड* हर साल लाखों रुपए की हो रही धोखाधड़ी* सैकड़ों लोगों के बैंक खाते से चोरी हो रही रकम

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गूगल पर ऑनलाइन ठगी की ऐसी तरकीब, मिनटों में खाली कर देंगे आपका अकाउंट

रायपुर। इंटरनेट ने आम लोगों की ही जिंदगी नहीं बदली है, चोरी और ठगी के तरीके भी बदल डाले हैं। अब पहले से ज्यादा स्मार्ट तरीके (Cyber crime) से ठगी और चोरी हो रही है। ऑनलाइन फ्रॉड (online fraud) करने वाले साइबर ठग नए- नए तरीके अपनाकर लोगों के बैंक खातों से चंद मिनटों में लाखों रुपए पार कर रहे हैं। खाते से निकली राशि का वापस आना काफी मुश्किल हो जाता है।
पीडि़त व्यक्ति तत्काल बैंक और पुलिस से मदद लेता है, तो उसे राहत मिल सकती है। अधिकांश मामलों में जागरूकता की कमी के चलते लोग ऐसा नहीं कर पा रहे हैं और लाखों रुपए का नुकसान उठा रहे हैं। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले अपना तरीका बदलते रहते हैं। इन दिनों टोल फ्री नंबर, यूपीआई और लिंक भेजकर ठगी कर रहे हैं। इससे पहले एटीएम कार्ड का नंबर व पासवर्ड पूछते थे या फिर खाते से आधार लिंक करने का झांसा देते थे।
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गूगल के टोल फ्री में हैं सक्रिय
गूगल में कई कंपनियों और सेवा क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठानों के टोल फ्री नंबर ऑनलाइन ठगी करने वाले संचालित कर रहे हैं। टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर ठग उठाते हैं और बैंक, एटीएम (ATM Cards) व क्रेडिट संबंधी जानकारी लेकर खाते से रकम निकाल लेते हैं। रायपुर नगर निगम के इंजीनियर और आमानाका इलाके गैस एजेंसी के ग्राहक इसी तरह ठगी का शिकार हुए थे।
यूपीआई और लिंक भेजकर ठगी
ओएलएक्स के जरिए खरीदारी, फेसबुक के माध्यम से सौदा आदि मामलों में राशि भुगतान करने के लिए ठग मोबाइल में मैसेज के जरिए लिंक भेजते हैं और उसमें क्लीक करने के लिए कहते हैं। इसमें क्रेडिट और डेबिट लिंक होता है। भरोसा जीतने के लिए पहले क्रेडिट लिंक भेजते हैं और इसके जरिए एक या दो हजार रुपए खाते में जमा कर देते हैं। इससे भरोसा बढ़ जाता है। इसके बाद डेबिट लिंक भेजते हैं, जिसे क्लीक करते ही खाते से रकम का आहरण (Cyber crime) हो जाता है। लिंक पर क्लीक करते समय क्रेडिट या डेबिट पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसी तरह मोबाइल नंबर लेकर यूपीआई जनरेट करके ठगी कर रहे हैं।
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बैंक ऐसे करती है मदद
ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने वालों की मदद बैंक कई तरीके से करती है। बैंक खाते से रकम का (Cyber crime) आहरण होते ही उनके मोबाइल में अलर्ट मैसेज आता है। उस मैसेज में बैंक वालों का नंबर रहता है। ठगी का एहसास होने पर उस नंबर पर कॉल करके तत्काल एटीएम और बैंक खाते को ब्लॉक किया जा सकता है। इसके अलावा एटीएम बूथ में भी इमरजेंसी नंबर होता है, जिस पर संपर्क किया जा सकता है। इससे एटीएम और बैंक खाता तत्काल ब्लॉक हो जाएगा। और ठग उसमें से राशि नहीं निकाल पाएगा।
एटीएम क्लोन के मामलों में बैंक प्रबंधन पीडि़त को राशि लौटाती है बैंक से राशि का आहरण होने या किसी अन्य कारणों से खाते से राशि निकलने (Cyber crime)की शिकायत बैंक की जीआईटीसी में करना चाहिए। यह कमेटी मुंबई में है। बैंक के जरिए जीआईटीसी में शिकायत जाती है। इसकी जांच की जाती है। जांच में अगर बैंक की गलती के चलते खाते से राशि निकलना पाया जाता है, तो पीडि़त को उतनी राशि वापस दी जाती है। साथ ही अगर पीडि़त की चूक या असावधानी के चलते ठगी होती है, तो बैंक राशि वापस नहीं करती।
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गेटवे में रखी राशि होती है वापस
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले किसी के बैंक खाते से राशि निकालकर खरीदारी करते हैं या दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के अलावा एटीएम से विड्राल भी करते हैं। खरीदारी के लिए ठग पेटीएम, गूगलपे या इसी तरह का गेटवे अपनाते हैं, तो 24 घंटे के भीतर शिकायत मिलने पर पैसे वापस होने की संभावना रहती है। एक खाते से निकली राशि 24 घंटे तक गेटवे में रहती है। इसके बाद दूसरे खाते में जाती है। इसी तरह अगर ठग (Cyber crime) किसी दूसरे बैंक खाते में राशि ट्रांसफर करते हैं, तो उस खाते में जितनी देर राशि रहती है, उसके वापस होने की संभावना रहती है। उसे खाते को बैंक और पुलिस के जरिए तत्काल ब्लॉक कराया जा सकता है।
साइबर सेल में करें शिकायत
ऑनलाइन ठगी का एहसास होते ही सबसे पहले बैंक अधिकारियों से संपर्क कर एटीएम और बैंक खाता ब्लॉक कराएं। इसके बाद पुलिस के साइबर सेल में शिकायत करें। साइबर सेल ठगों के मोबाइल नंबर, बैंक खाता नंबर को ट्रेक करती है। इसके बाद आरोपी और ठगी गई राशि को वापस करने का प्रयास करती है।
डेढ़ सौ से अधिक शिकायतें
ऑनलाइन फ्रॉड (Cyber crime) या बैंक खाते से रकम निकलने की पुलिस के पास जनवरी से 1 जुलाई तक डेढ़ सौ से अधिक शिकायतें मिली हैं। इनमें से पुलिस ने 90 लोगों का पैसा वापस कराया है। सभी ठगी का शिकार होने के तत्काल बाद बैंक और पुलिस के पास पहुंचे थे। बाकी मामलों में अलग-अलग थानों में अपराध दर्ज किया गया है। उनकी जांच की जा रही है। रायपुर जिले में वर्ष 2018 में करीब 80 और वर्ष 2017 में 70 मामले ऑनलाइन फ्रॉड के दर्ज हुए थे।
ठगी के अन्य तरीके
-फर्जी बैंक अधिकारी एटीएम, क्रेडिट कार्ड, बैंक खाता ब्लॉक या वैद्यता समाप्त होने की जानकारी देना
-एटीएम बूथ में राशि निकालते समय एटीएम कार्ड की गोपनीय जानकारी लेना, स्कीमर लगाना, कार्ड बदल देना
-लॉटरी लगने, चेहरा पहचानने पर इनाम, वेबसाइट में ऑफर व सस्ते में सामान बेचने का झांसा
-टॉवर लगाने के नाम पर झांसा
-बंद इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू करने, नौकरी लगाने का झांसा
-जेवर चमकाने के नाम पर ठगी
-हर मनोकामना पूरी करने पूजा-पाठ का झांसा
-लोन दिलाने का आश्वासन
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साइबर ठगी से ऐसे बचें
-साइबर क्राइम के बारे में जानकारी रखें
-मोबाइल या इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी, भुगतान में सावधानी
-ओटीपी नंबर व पासवर्ड किसी को न बताएं
-अपने मोबाइल नंबर गूगल, फेसबुक, गूगल मेप आदि में शेयर न करें
वर्सन
बैंक खाते से अकारण ही रकम निकलने या ठगी (Cyber crime) की शिकायत तत्काल दिए गए इमरजेंसी नंबरों पर करनी चाहिए। एटीएम व बैंक खाता ब्लॉक कराना चाहिए। ग्राहकों की शिकायतों की जांच जीआईटीसी करती है। अगर बैंक की गलती के चलते खाते से पैसा गया है, तो ग्राहक को पैसा वापस किया जाता है। यदि ग्राहक की लापरवाही रहती है, तब पैसा वापस नहीं मिलता।
-प्रदीप मनसानी, एजीएम, एसबीआई जयस्तंभ चौक, रायपुर
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साइबर ठगी का शिकार हुए व्यक्ति के खाते से निकली (Cyber crime) रकम तभी वापस मिल सकती है, जब उसे तत्काल ब्लॉक किया गया हो। साथ ही ठगों ने जिस गेटवे के जरिए राशि का आहरण किया है, उस गेटवे में राशि रखी हो। 24 घंटे के भीतर शिकायत मिल जाती है, तो पैसे वापस मिलने की संभावना रहती है। ठगी होने के तत्काल बाद शिकायत करना चाहिए। जागरूकता के जरिए साइबर ठगी से बचा जा सकता है।
-अभिषेक माहेश्वरी, डीएसपी, साइबर क्राइम, रायपुर
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