लुभावने ऑफर का जाल
त्योहार का सीजन शुरू होते ही ऑनलाइन सामान बेचने वाली कई वेबसाइटें इंटरनेट पर एक्टीव रहती हैं। कपड़े, इलेक्ट्रानिक्स आदि के अलावा महिला और पुरुष एसेसीरिज भी काफी सस्ते और एक में एक फ्री जैसे लुभावने ऑफर देते हैं। दरअसल इन वेबसाइटों में ऑनलाइन ठगी करने वाले सक्रिय रहते हैं। जो भुगतान के दौरान बैंक खाता, एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड आदि की जानकारी लेकर खाते से राशि का आहरण कर लेते हैं। ऑनलाइन खरीदारी करने में युवाओं की संख्या ज्यादा है।
त्योहार का सीजन शुरू होते ही ऑनलाइन सामान बेचने वाली कई वेबसाइटें इंटरनेट पर एक्टीव रहती हैं। कपड़े, इलेक्ट्रानिक्स आदि के अलावा महिला और पुरुष एसेसीरिज भी काफी सस्ते और एक में एक फ्री जैसे लुभावने ऑफर देते हैं। दरअसल इन वेबसाइटों में ऑनलाइन ठगी करने वाले सक्रिय रहते हैं। जो भुगतान के दौरान बैंक खाता, एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड आदि की जानकारी लेकर खाते से राशि का आहरण कर लेते हैं। ऑनलाइन खरीदारी करने में युवाओं की संख्या ज्यादा है।
दो दर्जन मामले आए थे सामने
पिछले साल नवरात्रि से लेकर दीवाली तक ऑनलाइन खरीदारी और ऑफर के चक्कर में दो दर्जन लोगों से ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई थी। इसमें ज्यादातर मामले कपड़े खरीदी के थे। कपड़े का आर्डर देने पर खराब कपड़ा भेज दिया गया। फिर उस कपड़े की राशि लौटाने के नाम पर खरीदार का पूरा खाता ही खाली कर दिया गया। इसके अलावा ५० से ६० फीसदी का ऑफर देने वाली वेबसाइटों के जरिए भी कई ठगी हुई हैं।
पिछले साल नवरात्रि से लेकर दीवाली तक ऑनलाइन खरीदारी और ऑफर के चक्कर में दो दर्जन लोगों से ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई थी। इसमें ज्यादातर मामले कपड़े खरीदी के थे। कपड़े का आर्डर देने पर खराब कपड़ा भेज दिया गया। फिर उस कपड़े की राशि लौटाने के नाम पर खरीदार का पूरा खाता ही खाली कर दिया गया। इसके अलावा ५० से ६० फीसदी का ऑफर देने वाली वेबसाइटों के जरिए भी कई ठगी हुई हैं।
जागरूकता के अलावा कोई उपाय नहीं
ऑनलाइन धोखाधड़ी से लोगों को बचाने पुलिस के पास कोई ठोस उपाय नहीं है। ऑनलाइन खरीदारी के तौरतरीकों के अलावा सायबर क्राइम को लेकर अधिकांश लोगों में जागरूकता की कमी है। ठगी का कारोबार इसी से चल रहा है। ऑनलाइन ठगी के नित नए तरीकों से भी पुलिस चिंतित है। पुलिस अफसरों का मानना है कि लोग ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए ऑनलाइन खरीदारी, पेमेंट भुगतान सहित इंटरनेट से जुड़े अन्य माध्यमों की जानकारी होना जरूरी है। इसके जरिए ही ठगी से बचने मदद मिल सकती है।
ऑनलाइन धोखाधड़ी से लोगों को बचाने पुलिस के पास कोई ठोस उपाय नहीं है। ऑनलाइन खरीदारी के तौरतरीकों के अलावा सायबर क्राइम को लेकर अधिकांश लोगों में जागरूकता की कमी है। ठगी का कारोबार इसी से चल रहा है। ऑनलाइन ठगी के नित नए तरीकों से भी पुलिस चिंतित है। पुलिस अफसरों का मानना है कि लोग ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए ऑनलाइन खरीदारी, पेमेंट भुगतान सहित इंटरनेट से जुड़े अन्य माध्यमों की जानकारी होना जरूरी है। इसके जरिए ही ठगी से बचने मदद मिल सकती है।
कोसो दूर बैठे अपराधी
सायबर क्राइम करने वाले कोसों दूर बैठकर अपराध करते हैं, जिनकी पहचान करने में काफी समय लगता है। पहचान के बाद उसे पकडऩे के लिए भी पुलिस को काफी लंबा सफर तय करना पड़ता है, तब तक आरोपी और कहीं फरार हो जाता है। यही वजह है कि आरोपियों की गिरफ्तारी जल्दी नहीं हो पाती है। अगर आरोपी गिरफ्तार हो जाते हैं, तो उनसे रकम की बरामदगी नहीं हो पाती है। रायपुर में अधिकांश ऑनलाइन ठगी झारखंड, दिल्ली, मुंबई और उत्तरप्रदेश से की जा रही है।
सायबर क्राइम करने वाले कोसों दूर बैठकर अपराध करते हैं, जिनकी पहचान करने में काफी समय लगता है। पहचान के बाद उसे पकडऩे के लिए भी पुलिस को काफी लंबा सफर तय करना पड़ता है, तब तक आरोपी और कहीं फरार हो जाता है। यही वजह है कि आरोपियों की गिरफ्तारी जल्दी नहीं हो पाती है। अगर आरोपी गिरफ्तार हो जाते हैं, तो उनसे रकम की बरामदगी नहीं हो पाती है। रायपुर में अधिकांश ऑनलाइन ठगी झारखंड, दिल्ली, मुंबई और उत्तरप्रदेश से की जा रही है।
सायबर फ्रॉड को रोकने के लिए आम लोगों की जागरूकता अहम है। ठगी की शिकायतों पर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है। जो शिकायतें मिलती है, उसकी पुलिस जांच करती है। और आरोपियों को पकडऩे हरसंभव प्रयास करती है। रायपुर में ऑनलाइन ठगी के कई मामलों के आरोपियों को पकड़ा गया है।
-अजय यादव, एसएसपी, रायपुर
-अजय यादव, एसएसपी, रायपुर