इस बीच अगर किसी वेबसाइट में कोई अपनी जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल या अन्य कुछ डिटेल देते हैं, तो उन्हीं जानकारियों के माध्यम से ठग उन तक पहुंच जाते हैं। फिर बातचीत करके झांसा देते हैं। इसके बाद बैंक खाते से पूरा पैसा ऑनलाइन निकाल लेते हैं। इसी तरह की शिकायतें पुलिस के पास लगातार सामने आ रही है।
शिक्षित लोग फंस रहे
ऑनलाइन ठगी के शिकार शिक्षित लोग ज्यादा हो रहे हैं। खासकर एेसे लोग, जो ऑनलाइन भुगतान, क्रेडिट कार्ड या विभिन्न ऑनलाइन सर्विस का उपयोग करते हैं। ठगी करने वाले इतने शातिर होते हैं कि शिक्षित लोग भी उनके झांसे में आ जाते हैं और कुछ समझ नहीं पाते हैं। जब तक ठग पर उन्हें शक होता है, तब तक उनका बैंक एकाउंट खाली हो चुका होता है।
लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन डिमांड
लॉकडाउन के चलते अधिकांश लोग घर में ही रहना पसंद कर रहे हैं। टीवी-मोबाइल रिचार्ज, बैंक संबंधित कार्य, बिल भुगतान जैसी जरूरी चीजों के अलावा अन्य कार्यों के लिए भी इंटरनेट की मदद ले रहे हैं। इसके चलते इन दिनों सर्विस देने वाली वेबसाइटों में लोगों का ट्रैफिक बढ़ा है, जिसका फायदा ठग उठा रहे हैं।
पकडऩा मुश्किल
हर साल रायपुर शहर में ३ सौ से ज्यादा ऑनलाइन फ्रॉड के मामले दर्ज होते हैं। और पुलिस के पास इससे तीनगुनी शिकायतें पहुंचती हैं। ज्यादातर ऑनलाइन फ्राड में आरोपी दूसरे राज्यों के होते हैं, जिनकी पहचान करके उन्हें पकडऩा कठिन होता है। कोरोना संक्रमण के चलते पुलिस की टीमें एेसे लोगों को पकडऩे के लिए बाहर भी नहीं निकल पा रही हैं।
ऑनलाइन ठग तरह-तरह से लोगों को झांसे में लेते हैं। ऑनलाइन खरीदी-बिक्री करने या किसी सुविधा का लाभ लेते समय काफी अलर्ट रहना चाहिए। पूरी जानकारी लेने के बाद ही काम करना चाहिए। ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों को पुलिस गंभीरता से लेकर अपराध दर्ज करती है। कई मामलों में पीडि़तों की राशि को वापस करवाया गया है।
-पंकज चंद्रा, एएसपी-शहर, रायपुर