पुलिस के मुताबिक सुंदरनगर इलाके में रहने वाली एन कविता देव ने कुछ सामान कुरियर के जरिए मंगाया था। सामान नहीं पहुंचा, तो उन्होंने गूगल में डिलीवरी कुरियर सर्विस के कस्टमर केयर का नंबर निकाला। उसमें दिए नंबर में कॉल करने पर मनीष कुमार ने बात की। और अपनी समस्या बताई। इस दौरान मनीष कुमार ने महिला से ऑनलाइन एक रजिस्ट्रेशन फार्म भरवाया।
यह भी पढ़ें: 2022 में LIC की ये पांच सबसे फायदेमंद Insurance Plan, निवेश कर उठा सकते हैं बड़ा लाभ इसमें उन्होंने अपना पता, मोबाइल नंबर के बाद अपना बैंक खाता नंबर भी बताया। कुछ देर बाद मनीष कुमार ने उनका यूपीआई नंबर भी पूछ लिया। महिला ने यूपीआई नंबर बता दिया। इसके बाद उनके बैंक खाते से 28 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक 2 लाख 60 हजार 701 रुपए का आहरण हो गया। इसकी शिकायत महिला ने डीडी नगर थाने में की। पुलिस ने साइबर ठग मनीष के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
फर्जी वेबसाइट बनाकर सक्रिय
इस तरह की ठगी पहले भी हो चुकी है। साइबर ठग कुरियर सर्विस के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर गूगल में सक्रिय रहते हैं। किसी नामी कंपनी के नाम से वेबसाइट बनाते हैं, लेकिन उसमें अपना मोबाइल नंबर डाल देते हैं। लोग कंपनी का मोबाइल नंबर समझकर कॉल करते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।
इस तरह की ठगी पहले भी हो चुकी है। साइबर ठग कुरियर सर्विस के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर गूगल में सक्रिय रहते हैं। किसी नामी कंपनी के नाम से वेबसाइट बनाते हैं, लेकिन उसमें अपना मोबाइल नंबर डाल देते हैं। लोग कंपनी का मोबाइल नंबर समझकर कॉल करते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।
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-प्रतिष्ठित कंपनियों की वेबसाइट में टोल फ्री नंबर होते हैं, जो मोबाइल नंबर नहीं होते हैं।
-साइबर ठगी करने वाले अधिकांश अपना मोबाइल नंबर देते हैं। उसमें कॉल न करें।
-ठगी का शिकार होते ही तत्काल साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 में कॉल करें।
-किसी को भी फोन पर अपने बैंक खाता नंबर, यूपीआई नंबर आदि की जानकारी न दें।
-ऑनलाइन सुविधाएं देने वाली कंपनियों की अधिकृत व सिक्योर वेबसाइट का इस्तेमाल करें।
-प्रतिष्ठित कंपनियों की वेबसाइट में टोल फ्री नंबर होते हैं, जो मोबाइल नंबर नहीं होते हैं।
-साइबर ठगी करने वाले अधिकांश अपना मोबाइल नंबर देते हैं। उसमें कॉल न करें।
-ठगी का शिकार होते ही तत्काल साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 में कॉल करें।
-किसी को भी फोन पर अपने बैंक खाता नंबर, यूपीआई नंबर आदि की जानकारी न दें।
-ऑनलाइन सुविधाएं देने वाली कंपनियों की अधिकृत व सिक्योर वेबसाइट का इस्तेमाल करें।