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सैनिकों के सम्मान के लिए हाथ में तिरंगा लेकर साइकिल पर निकल पड़ा डीयू का गोल्ड मेडिलिस्ट छात्र

locationरायपुरPublished: Feb 01, 2019 02:04:04 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रेकॉर्ड में नाम दर्ज करने की तैयारी, 30 हजार किमी का सफर का लक्ष्य

Indian soldier

सैनिकों के सम्मान के लिए हाथ में तिरंगा लेकर साइकिल पर निकल पड़ा डीयू का गोल्ड मेडिलिस्ट छात्र

ताबीर हुसैन @ रायपुर . लोग बेटी बचाव, ब्लड डोनेट, सेव एनवायरमेंट, सेव वाटर, नो प्लास्टिक जैसे मिशन को लेकर साइकिलिंग करते हैं, लेकिन क्या उनकी यात्रा करने से ये चीजें रुक रही हैं? चाहे बात बेटी बचाने की हो या ब्लड डोनेट की। हमारे वीर जवान हमेशा आगे रहते हैं। इसलिए वे हमारे लिए सर्वोपरि हैं। आज उनकी बदौलत हम सेफ हैं। हम सभी को उनका सम्मान करना चाहिए। यह कहना है दिल्ली यूनिवर्सिटी के गोल्ड मैडलिस्ट स्टूडेंट और साइकिलिस्ट प्लेयर आफताब फरीदी का। वे दिल्ली से 30 हजार किमी का लक्ष्य बनाकर साइकिल यात्रा पर निकले हैं। 15 राज्यों से होते हुए वे रायपुर पहुंचे और उनका आधा सफर यानि १५ हजार किमी पूरा हो गया है। 26 अगस्त से दिल्ली से यात्रा शुरू की है और 15 जून को खत्म होगी।
इसलिए शुरू की साइकिलिंग
नजर में लंबी दूरी, न थकान न घबराहट। तिरंगे की आन-बान और शान का जज्बा लिए रायपुर पहुंचे आफताब ने बताया कि मेरा सपना है कि अपने देश का नाम रोशन करूं। इसके लिए मैंने सोचा कि एसा कुछ किया जाए जैसा किसी ने न किया हो। चूंकि मैं साइकिलिस्ट हूं लिहाजा इसी में गिनीज वल्र्ड रेकॉर्ड बनाना तय किया। अभी ऑस्ट्रेलिया के बेल्गिअन वूडेन के नाम रेकॉर्ड दर्ज है। मैं उनके रेकॉर्ड को तोड़कर दुनिया में अपने देश का नाम रोशन करना चाहता हूं।

लोगों ने दुत्कारा, लेकिन हार नहीं मानी
आफताब बताते हैं कि मैंने आइ हैव नो मनी का टैग लेकर यात्रा की शुरुआत की थी। मुझे कई ऐसे लोग भी मिले जो बजाय मदद के मुझे दुत्कारा। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। बस एक बार जो आगाज हुआ तो कभी रुका नहीं। हालांकि तबीयत की वजह से कहीं-कहीं रुकना पड़ता है। आफताब बताते हैं कि गिनीज वल्र्ड रेकॉर्ड के लिए मैंने अप्लाई किया है। वे मेरी निगरानी जीपीएस सिस्टम से कर रहे हैं। इसके अलावा मैं जिस शहर में भी जाता हूं वहां के अस्पताल में एंट्री करानी होती है। माइलस्टोन के फोटो और रास्ते के वीडियो बनाने पड़ रहे हैं। रेकॉर्ड के लिए ये जरूरी है।

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