लोगों ने दुत्कारा, लेकिन हार नहीं मानी
आफताब बताते हैं कि मैंने आइ हैव नो मनी का टैग लेकर यात्रा की शुरुआत की थी। मुझे कई ऐसे लोग भी मिले जो बजाय मदद के मुझे दुत्कारा। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। बस एक बार जो आगाज हुआ तो कभी रुका नहीं। हालांकि तबीयत की वजह से कहीं-कहीं रुकना पड़ता है। आफताब बताते हैं कि गिनीज वल्र्ड रेकॉर्ड के लिए मैंने अप्लाई किया है। वे मेरी निगरानी जीपीएस सिस्टम से कर रहे हैं। इसके अलावा मैं जिस शहर में भी जाता हूं वहां के अस्पताल में एंट्री करानी होती है। माइलस्टोन के फोटो और रास्ते के वीडियो बनाने पड़ रहे हैं। रेकॉर्ड के लिए ये जरूरी है।