बेमौसम बारिश से धमतरी जिले मेे महुए को ज्यादा नुकसान
वनवासियो के समक्ष गहराया रोजगार का सकट

धमतरी. मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तन और बारिश के चलते वनांचल में महुए की फसल को काफी नुकसान हुआ है। हवा-तूफान और छूटपूट हो रही ओलावृष्टि से महुए के वृक्ष से फल आने के पहले ही फूल झड़ गए हैं। ऐसे में वनवासियों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया है। उधर सूत्रों की मानें तो इस साल धमतरी रेंज में करीब 745 क्विंटल महुआ संग्रहण करने का लक्ष्य मिला है, लेकिन अब तक संग्रहण का कार्य शुरू नहीं हो सका है।
उल्लेखनीय है कि धमतरी रेंज के अंतर्गत आने वाले जंगलों में बड़ी संख्या में हर्रा, बेहड़ा, इमली और महुआ के वृक्ष हैं। फरवरी से अप्रैल माह के बीच महुए के वृक्ष के फूल और फल आना शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल मौसम की बेरूखी के चलते महुए की फसल को काफी नुकसान हुआ है। सूत्रों की मानें तो धमतरी वन क्षेत्र के खिरकड़ीटोला, तुमाबुजुर्ग, विश्राम, तुमराबाहार समेत आसपास के वनक्षेत्रों में करीब 15 हजार से अधिक महुएं के वृक्ष हैं। फरवारी माह के शुरूआती दिनों से ही महुए के वृक्ष में फूल आना शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल बेमौसम हो रही बारिश से महुए की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बताया गया है कि धमतरी रेंज में करीब मोंगरागहन, अछोटा और बरबांधा वनोपज सहकारी समितियां है। इसके अंतर्गत करीब 3 हजार से अधिक संग्राहक महुआए बेहड़ा, इमली समेत अन्य वनोपज को संग्रहित करने का काम करते हैं। इस काम के एवज में उन्हें मेहनताना दिया जाता है।
80 फीसदी फसल खराब
संग्रहक कुबेर नेताम, उर्वशी कोर्राम ने बताया कि फरवरी के प्रथम से ही महुए वृक्ष में फल और फूल आना शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल मौसम खराब होने से फरवरी के दूसरे पखवाड़े में फूल आना शुरू हुआ था। अचानक हुई बारिश से अधिकांश वृक्षों में लगे महुंए के फूल झड़ गए। शेष बचे फलों को बंदरों ने नुकसान पहुंचाया है। परमिला नेताम, कौशिल्या बाई ने बताया कि वर्तमान में महुएं की फसल 80 फीसदी तक खराब हो गई है। ऐसे में उनके सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया है।
-बेमौसम बारिश के चलते धमतरी रेंंज में महुएं की वृक्षों से फल काफी मात्रा में झड़ गए हैंए इससे महुएं की फसल को नुकसान हुआ है।
आरके साहू, रेंजर
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