Dantewada Bypolls: दंतेवाड़ा उप-चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसकी बड़ी वजह है यह है कि यहां महिला मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है।
Dantewada Assembly Bypoll
रायपुर. Dantewada Bypolls: दंतेवाड़ा उपचुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसकी बड़ी वजह है यह है कि यहां महिला मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। ऐसा नहीं है कि यहां पहली बार महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। यह स्थिति आजादी के बाद से बनी हुई है। दंतेवाड़ा विधानसभा सीट (Dantewada Assembly Bypoll) पर महिला मतदाताओं की संख्या भले ही अधिक है, लेकिन वो मतदान करने बहुत कम निकलती थीं।
1977 के विधानसभा चुनाव में तो यहां की सिर्फ 3 हजार 500 महिलाओं ने ही अपने मताधिकार का उपयोग किया था। जबकि महिला मतदाताओं की कुल संख्या 30 हजार 284 थी। इसके बाद धीरे-धीरे मतदान को लेकर महिलाएं जागरूक हुई। महत्वपूर्ण बदलाव 2013 के विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Polls) में देखने को मिला है। इस चुनाव में कांग्रेस ने दिवंगत महेन्द्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को प्रत्याशी बनाया था।
इसका असर यह हुआ कि यहां की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया और आजादी के बाद यहां पहली बार मतदान करने में महिलाओं की संख्या पुरुषों से आगे निकल गई। 2013 में यहां 55 हजार 273 महिलाओं ने मतदान किया था। जबकि 52 हजार 701 पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं ने अपनी ताकत को दोहराया, लेकिन इस बार देवती कर्मा को हार का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2018 में 58 हजार 678 महिलाओं ने और 54 हजार 921 पुरुषों ने मतदान किया था। भीमा मण्डावी की हत्या के बाद यहां उप चुनाव की स्थिति निर्मित हुई है। इस बार भी महिलाएं मतदाता अधिक है। उप चुनाव में 98 हजार 876 है महिला और 89 हजार 747 पुरुष मतदाता है।
देवती थी पहली महिला विधायक आजादी के बाद से दंतेवाड़ा विधानसभा सीट (Dantewada Assembly Seat) अस्तित्व में आ गई थीं। भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में 1972 के नतीजों में महिला मतदाताओं की संख्या अलग से दी गई है। उस समय से यहां महिला मतदाता अधिक रही है, लेकिन यहां 2013 से पहले कोई भी महिला विधायक चुनाव नहीं जीती है। 2013 में यहां से देवती कर्मा ने चुनाव जीता था। झीरम कांड के बाद कांग्रेस दिवंगत महेन्द्र कर्मा (Mahendra Karma) की पत्नी देवती कर्मा (Devti Karma) को टिकट दिया था। उन्होंने 5 हजार 987 वोटों से यह चुनाव जीता था।
राज्य निर्माण के बाद महिला मतदाता और मतदान की स्थिति